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‘ताइवानएक्सपो’ में नजर आएंगी ताइवान की उन्नत तकनीक

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)| ताइवान की नवीनतम उन्नत तकनीकों से देशवासियों को रूबरू कराने के लिए दिल्ली के प्रगति मैदान में 17 मई से तीन-दिवसीय ‘ताइवानएक्सपो’ का आयोजन किया जाएगा।

ताइवान के अग्रणी व्यापार प्रचार संगठन ताइवान विदेश व्यापार विकास परिषद की ओर से पहली बार भारत में यह आयोजन कराया जा रहा है। यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, इस व्यापार मेले में विषय विशेष आधारित आठ मंडपों के जरिए ताइवान की आधुनिकतम तकनीकों, पर्यावरण मित्र उत्पादों और उद्योग कौशलों की जानकारी दी जाएगी। इसमें आठ विशेष उद्योग क्षेत्रों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो हरित उत्पादों, स्मार्ट सिटीज, ईवी अलायंस (इलेक्ट्रिक वाहन संबंधी गठबंधन), स्वास्थ्य देखभाल संबंधी सेवाओं, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण तंत्र, वस्त्र, ऑटोमोबाइल, खेल, कृषि, सूचना व संचार प्रौद्योगिकी संबंधी उत्पादों, मेंडरिन शिक्षा और व्यापार सेवा सहित उद्योग को विस्तार देने वाली सेवाओं के प्रति समर्पित होंगे।

इस बहुप्रतीक्षित व्यापार मेले में ताइवान से करीब 130 प्रदर्शक शामिल होंगे, जो उच्च क्षमता वाले उत्पादों और सेवाओं को पेश करेंगे।

बयान के अनुसार, मेले में परस्पर व्यापार बैठकें, स्मार्ट मेडिकल इनोवेशन, उन्नत चिकित्सकीय नवाचारद्ध स्वास्थ्य देखभाल का पूर्ण समाधान, संगोष्ठी, ताइवान की बेहतरीन उद्योग प्रवृत्तियां, भारत-ताइवान ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन विषय संबंधी) गोष्ठी, ताइवानी संस्कृति की झांकी दिखाने वाली प्रस्तुतियां और कई अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे।

मेले में पत्रकार सम्मेलन भी आयोजित होगा, जिसके दौरान ‘एक्सप्लोरिंग द नेक्स्ट हाइलैंड थ्रू इंडस्ट्री 4.0, एंआई एंड कॉ-क्रिएशन’ विषय पर एक सत्र होगा, जिसमें उद्योग संबंधी प्रमुख बिंदुओं पर एडवांटेक कंपनी के एशिया प्रशांत और अंतर महाद्वीपीय क्षेत्र के बिक्री प्रमुख विन्सेंट चांग अपने विचार साझा करेंगे।

कार्यक्रम में टीएआईटीआरएए फिक्की और दूसरे संबद्ध सहयोगियों के प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। इस व्यापार मेले के जरिए दो देशों के बीच व्यापार संबंधों की शुरुआत को मजबूती मिल सकेगी।

टीएआईटीआरए के चेयरमैन जेम्स हुआंग ने कहा, हालांकि, सरकार की ओर से वर्ष 1990 की दक्षिणबंध नीति के तहत दक्षिण एशिया में विस्तार का लगातार प्रयास किया जाता रहा है, लेकिन वर्तमान समय में साई सरकार की ओर से दक्षिण एशिया संबंधी नीतियों में 1990 की इस नीति का समावेश नई दिशा और नई कोशिशों के साथ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस समावेश के कारण पूर्व की दक्षिणबंध नीति और नई दक्षिणबंध नीति में बहुत बड़ा अंतर है। वर्तमान में ताइवान की नई दक्षिणबंध नीति की मूल भावनाए नए दक्षिणबंध देशों के साथ व्यापक और दीर्घावधि के विनिमय और संबंधों पर आधारित है, जो उद्योग निवेश, व्यापार, प्रतिभ, संस्कृति और पर्यटन आदि क्षेत्रों में एकाधिक विनिमय और सहयोग के परस्पर प्रयासों के माध्यम से सार्थक होंगे।

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