Spiritual

21 साल की वो खूबसूरत लड़की, जो घर-बार छोड़कर बन गई साध्वी

आपने जया किशोरी का नाम तो सुना ही होगा। नाम ही नहीं आपने इनके प्रवचन भी टीवी पर सुने  होंगे। 21 साल की एक लड़की जो अपना घर-बार छोड़कर साध्वी बन गई। इनके प्रवचन को सुनने के लिए लाखों की भीड़ उमड़ती है। लोग दूर-दूर से इनका प्रवचन सुनने आते हैं।

जया किशोरी के दादाजी और दादीजी के साथ रहने और घर में भक्ति का माहौल होने की वजह से बचपन में ही केवल 6 साल की कम उम्र में ही भगवान कृष्ण के लिए उनके मन में प्रेम जागृत हो गया।

जया ने सिर्फ 9 साल की उम्र में ही संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम् आदि कई स्तोत्रों को गाना शुरू कर दिया था। 10 साल की हुईं तो अकेले सुंदर कांड का पाठ किया। तभी से लोगों का ध्यान जया की ओर आया लेकिन इस दौरान जया ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। वह अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए थीं।

जया ने शुरुआती दीक्षा पं गोविंदराम मिश्र से ली थी। वो जया को राधा कहकर बुलाते थे। उन्होंने ही कृष्ण के प्रति प्रेम को देखते हुए जया को ‘किशोरी जी’ की उपाधि दी थी। अब जया अपने भक्तों के बीच जया किशोरी के नाम से जानी जाती हैं।

 

जया किशोरी ‘नानी बाई का मायरा, नरसी का भात’ कार्यक्रम करती हैं। उनके सत्संग में लाखों की भीड़ जुटती है। उनके प्रवचन सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। फेसबुक पर जया के पेज पर नौ लाख से ज्यादा लाइक हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH