Spiritual

18 साल बाद दिखा शिवमंदिर, उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

हमारे देश में कई ऐसी जगह है, जो रहस्यमयी हैं। ये जगह इंसान के लिए किसी अजूबे से कम नहीं। नर्मदा डेम का जल स्तर लगातार घट रहा है। ऐसे में नदी के भीतर स्थित ऐतिहासिक हांफेश्वर मंदिर बाहर आ गया है। मंदिर का गर्भ गृह का दरवाजा दिखाई देने से भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है।

नर्मदा नदी गुजरात की जीवन रेखा है। भीषण गर्मी के कारण इसका पानी सूखने लगा है। दिनों-दिन इसका जलस्तर कम हो रहा है। इससे सरकार ही नहीं आम आदमी भी चिंतित है। ऐसे में 18 साल बाद ऐतिहासिक शिवमंदिर फिर दिखाई दिया है। इससे शिवभक्तों में अपार खुशी हुई है।

नर्मदा माता के बारे में कहा जाता है कि उसके पेट में जितने भी कंकड़ हैं, वे सभी शंकर हैं। जितने गांवों से वह गुजरती है, वह सभी तीर्थ स्थल।

तीर्थों की हारमाला वाले पवित्र रेवा तट पर गुजरात का पहला तीर्थ किसे माना जाए, यह सवाल मन में सहजता के साथ ही उठता है। इसका जवाब यही है कि छोटा उदेपुर जिले के कवांट तहसील का हांफेश्वर।

गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित यह स्थान नर्मदा की परिक्रमा करने वालों के लिए विश्रामस्थली है।

हांफेश्वर इस गांव का नाम है, जहां शिवालय में कलहंसेश्वर महादेव विराजमान हैं। कहा जाता है कि ऋषि मार्केंडेय ने यहां कलहंसेश्वर के रूप में शिव की प्रागट्य कथा युधिष्ठिर को सुनाई थी।

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