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सीआरआई पम्पस को आंध्र में 150 करोड़ रुपये का ठेका

नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)| सीआरआई पम्पस को आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से कृषि मांग पक्ष प्रबंधन (एजीडीएसएम) कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत भारत सरकार के उद्यम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसिस लिमिटेड (ईईएसएल) से 150 करोड़ रुपये का ठेका मिला है।

परियोजना के तहत आंध्र प्रदेश के 40,000 से अधिक किसानों को इसका लाभ मिलेगा। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसिस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने कहा, एजीडीएसएम कार्यक्रम का कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है, क्योंकि कृषि पंपों के लिए बिजली बिल को सब्सिडी के रूप में सरकार भुगतान कर रही है। वर्तमान में, भारत में कृषि के लिए दो करोड़ से अधिक पंपों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो प्रति वर्ष 173.2 अरब यूनिट बिजली की खपत करते हैं। प्रति वर्ष पांच लाख से अधिक नए पम्पसेट लगाए जा रहे हैं। परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

सीआरआई समूह के उपाध्यक्ष जी. सुंदरराजन ने कहा, किसान उच्च ऊर्जा कुशल पम्पसेट और आईओटी सक्षम पम्पसेट की अपने मोबाइल फोन के माध्यम से निगरानी कर पाएंगे, पम्प की कामकाजी स्थिति देख पाएंगे, अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके किसी भी समय से कहीं से भी पम्प को चालू और बंद कर पाएंगे, बिजली की खपत की निगरानी कर पाएंगे, वास्तविक समय में प्रदर्शन को ट्रैक कर पाएंगे और अगर कोई पम्प चोरी करने की कोशिश करता है तो उन्हें उनके मोबाइल फोन पर एक अलर्ट मैसेज प्राप्त होगा।

एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसिस लिमिटेड के क्षेत्रीय प्रबंधक और उप महाप्रबंधक शशिकांत ने कहा, एजीडीएसएम कार्यक्रम के पहले चरण के तहत आंध्र प्रदेश में एक लाख पुराने अक्षम पम्पसेटों को स्मार्ट कंट्रोल पैनल वाले बीईई 5 स्टार रेटेड ऊर्जा दक्ष पम्पसेट से बदला जाएगा। आने वाले कुछ सालों में, राज्य में 15 लाख अक्षम कृषि पम्प बदल दिए जाएंगे। कार्यक्रम का लक्ष्य 34.9 करोड़ यूनिट ऊर्जा की बचत करना है, जिससे सरकार प्रति वर्ष 1339.60 करोड़ रुपये की बचत कर पाएगी। परियोजना की अवधि पांच साल है।

सी. आर. आई. पम्प्स ने आठ साल पहले महाराष्ट्र में एक पायलट परियोजना की थी, और यह ठेका उसी परियोजना का परिणाम है- ऐसा काम करने वाली एकमात्र कंपनी, जिसे सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाली बिजली खपत को कम करने के लिए भारत सरकार की ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा शुरू किया गया है।

बीईई स्टार रेटेड ऊर्जा दक्ष पम्पसेट की औसत दक्षता सीमा 40 से 50 प्रतिशत है जबकि मौजूदा पम्पसेट की दक्षता सीमा 20 से 30 प्रतिशत की है।

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