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हाथों की स्वच्छता के लिए नारायणा अस्पताल ने चलाया जागरूकता अभियान

गुरुग्राम, 5 मई (आईएएनएस)| अस्पतालों में इलाज के दौरान भी लोग संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। ये संक्रमण एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया के कारण होते हैं जिनका इलाज करना बेहद मुश्किल होता है।

ऐसे में वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे पर नारायणा अस्पताल ने हाथों की स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान चलाया। अस्पताल ने अभियान के तहत रोगियों और अस्पताल के कर्मचारियों के साथ कई इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए और पुस्तिकाओं के माध्यम से सभी को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में माइक्रोबायोलॉजी एंड इन्फेक्शन कंट्रोल की एसोसिएट कंसलटेंट डॉ. रुशिका सक्सेना ने कहा, जीने की उम्मीद बढ़ने, जीवन के उच्च मानकों और देश में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होने की वजह से अधिक से अधिक लोगों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया जाता है, जिससे उन्हें एचएआई संक्रणम होने का खतरा बढ़ जाता है। 2011 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रिपोर्ट में बताया कि शल्य चिकित्सा से गुजरने वाले एक तिहाई रोगी शल्य चिकित्सा स्थल संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में 3 से 20 दिन अतिरिक्त और रहना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि अधिकांश एचएआई यूरिन और वीनस कैथेटर, सर्जिकल साइट घावों और वेंटिलेटर पर रोगियों के उपयोग से संबंधित हैं। जहां इन उपकरणों के माध्यम से रोगाणुओं को अस्पताल के पर्यावरण से रोगी तक ले जाया जाता है, वहीं अस्पताल के कर्मचारियों के अशुद्ध हाथों के माध्यम से संक्रमण एक मरीज से दूसरे मरीज में फैल जाता है।

एचएआई से बचाव करने में मरीजों को भी समान भूमिका निभानी चाहिए। अस्पतालों में रहने के दौरान उन्हें अपने हाथों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए साथ ही अपने रिश्तेदारों और देखने आए लोगों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

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