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‘किसकी जेब में चले जाते हैं पेयजल के करोड़ों रुपये’

गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और ऐसे में पानी की समस्या भी शुरू हो गई है। ऐसे में मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भीषण गर्मी के समय प्रदेशभर में पेयजल संकट खड़ा हो गया है और सरकार अभी कार्ययोजना ही बना रही है। पेयजल के लिए आने वाले करोड़ों रुपये आखिर कहां खर्च हो जाते हैं और किसकी जेब में चले जाते हैं?

उन्होंने कहा कि तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है और अब कार्ययोजना बनाई जा रही है। सरकार को वास्तव में कार्ययोजना जनवरी में ही बना लेनी चाहिए थी।

उन्होंने रविवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बुंदेलखंड में तो हालत यह है कि आधी आबादी रोजगार के लिए पलायन को मजबूर है। वैसे भी इस सरकार ने बुंदेलखंड के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार ही किया है। हर साल पेयजल के लिए करोड़ों रुपये बहाए जाते हैं, लेकिन उसका असर जमीन पर नजर नहीं आता। हर साल यह समस्या खड़ी हो जाती है। ज्यादातर कुएं और हैंडपंप सूख चुके हैं। चेकडैम में पानी नहीं है।

कमलनाथ ने कहा कि रोजगार के लिए संचालित होने वाली मनरेगा योजनाएं ठप्प हैं। आमदनी का कोई जरिया न होने से लोग या तो गांव से पलायन कर रहे हैं या कर्ज ले रहे हैं और कर्ज न चुका पाने के कारण किसान आत्महत्या के लिए विवश हो रहे हैं।

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Vineet Bajpai
the authorVineet Bajpai
Senior Reporter & Copy Editor