लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को संजीवनी देने के प्रयास में लगे ‘युवराज’ राहुल गांधी को एक बड़ा झटका लग सकता है। पार्टी की कद्दावर महिला नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विधायक रीता बहुगुणा जोशी भाजपा का दामन थाम सकती हैं। सूत्रों के अनुसार वह अपने भाई एवं उत्तराखण्ड कांग्रेस के विद्रोही नेता पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के माध्यम से भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं।
विजय बहुगुणा पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। रीता जल्द ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी मिल सकती हैं। हालांकि उनके भाई विजय बहुगुणा जोशी का कहना है कि यह केवल अफवाह है। रीता जोशी लखनऊ के कैंट विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और यूपी में कांग्रेस की कमान भी संभाल चुकी हैं।
पाला बदलने की वजह
रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश में महिसा कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। इनकी चुनाव से ठीक पहले पाला बदलने की दो बड़ी वजहें बताई जा रही हैं। पहला, उनको भरोसा नहीं हो पा रहा है कि विधानसभा चुनाव तक कांग्रेस इस स्थिति पर पहुंच जाएगी, जिसके सहारे चुनाव जीता जा सके।
दूसरी तरफ वह जिस बड़े सियासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं, उसको लेकर कांग्रेस आलाकमान के बीच विश्वास संकट पैदा हुआ है। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सीएम कैंडिडेट के तौर पर शीला दीक्षित को आगे किया है जबकि इससे पहले वह उत्तर प्रदेश की राजनीति में शामिल नहीं थीं। उत्तर प्रदेश में प्रचार का जिम्मा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संभाल रखा है। इसके अलावा राजबब्बर को उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमान दे दी गई है। ऐसे में रीता बहुगुणा जोशी को विधानसभा चुनावों में आगे नहीं किया जा रहा है।
कई और नेताओं की लिस्ट तैयार है
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी ने दूसरे दलों के उन बड़े नेताओं की एक लिस्ट तैयार की है, जो किन्ही वजहों से अपनी पार्टी से असंतुष्ट चल रहे हैं। उनसे बातचीत का सिलसिला शुरू किया गया है। पार्टी की योजना है कि यूपी चुनाव तक अलग-अलग पार्टियों के कई बड़े नेताओं को बीजेपी में शामिल कर माहौल बनाया जा सके। साथ ही विरोधी पार्टियों की मनोबल गिराया जा सके।