नई दिल्ली/श्रीनगर| कश्मीर घाटी में तीन महीने से ज्यादा समय से जारी अशांति के बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में पांच सदस्यीय दल अलगाववादी नेताओं से बातचीत और गतिरोध तोड़ने के लिए श्रीनगर पहुंचा।
इस दल में जम्मू एवं कश्मीर में सेवा दे चुके पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और कार्यकर्ता सुशोभा बर्वे शामिल हैं। ये अलगाववादी नेताओं से मिलेंगे।
सिन्हा ने कहा कि वे मंगलवार से दौरा शुरू कर रहे हैं। उनकी और दूसरे लोगों की मंशा घाटी में सभी लोगों से मुलाकात करने की है।
यशवंत सिन्हा ने कहा, “हम मानवता के लिए यहां आए हैं। हमारा उद्देश्य कश्मीर के लोगों की शिकायतों और दर्द को साझा करना है।” सिन्हा ने कहा कि उन्होंने घाटी में कई लोगों से मुलाकात का अनुरोध किया है, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दे सकते।
हालांकि सूत्रों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर में तीन दिवसीय प्रवास के दौरान अलगाववादी हुर्रियत कान्फ्रेंस के दोनों धड़ों के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक से मुलाकात करेगा। उनके जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेता यासीन मलिक से भी मिलने की उम्मीद है, जिन्हें स्वास्थ्य कारणों से जेल से श्रीनगर अस्पताल में भेजा गया है।
अलगाववादी समूहों से ताजा बातचीत की शुरुआत घाटी में करीब 108 दिनों की अशांति के बाद हुई है। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के आठ जुलाई को मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा भड़क उठी। तब से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा है।