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मैक्स हॉस्पिटल ने अंगदान जागरूकता के लिए बाइक परेड आयोजित की

नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)| मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने रॉयल मैवरिक्स के सहयोग से अंगदान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए दिल्ली से मूर्थल तक एक बाइक परेड आयोजित की।

अस्पताल की तरफ से जारी बयान के अनुसार, इस परेड में 150 से अधिक बाइक सवारों ने हिस्सा लिया। उन्होंने अपनी बाइक पर राष्ट्रध्वज लहराते हुए 60 किलोमीटर की दूरी तय की। बाइक सवारों को सुबह 6:30 बजे रवाना किया गया था। उसके बाद सभी बाइक सवारों को अंगदान की शपथ पर हस्ताक्षर कराने के लिए उपहार में पौधे दिए गए।

शालीमार बाग स्थित अस्पताल के यूरोलॉजी एंड रेनल ट्रांसप्लांटेशन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. वाहिद जमान ने कहा, भारत में अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा करने वालों की संख्या और उपलब्ध अंगों के बीच व्यापक अंतर है। एक अंगदाता अपने अच्छी तरह से काम कर रहे अंगों को दान करके औसतन आठ से अधिक लोगों के जीवन को बचाता है। अंग प्रत्यारोपण की जरूरत वाले रोगियों में से केवल 10 प्रतिशत रोगी ही समय पर अंग प्राप्त करते हैं और अंगदान के लिए आगे आना अब समय की जरूरत है।

ऑर्गन इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, अंगों के खराब होने के कारण लगभग पांच लाख लोगों की सालाना मौत हो जाती है। एक लाख से अधिक लोगों को लीवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है और केवल एक प्रतिशत (एक हजार) लोगांे में ही लीवर प्रत्यारोपण हो पाता है। इसी प्रकार किडनी प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा करने वाले मरीजों में से केवल सात प्रतिशत मरीजों में ही प्रत्यारोपण हो पाता है।

कई रपटों से पता चलता है कि भारत में अंगदान के लिए आगे नहीं आने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा कारण जागरूकता की कमी, सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं, साथ ही अंगदान के कारण अपने स्वयं के स्वास्थ्य को लेकर संदेह है।

अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और नीदरलैंड जैसे देशों में अंगदान के लिए पारिवारिक सहमति प्रणाली है, जहां लोग दाताओं के रूप में साइन अप करते हैं, और उनके परिवार की सहमति की आवश्यकता होती है।

प्रत्यारोपण के लिए दान किए जा सकने वाले अंगों में शामिल हैं – गुर्दे, दिल, फेफड़े, यकृत, छोटी आंत और पैनक्रियाज। ऊतकों को दान किए जा सकने वाले अंगों में आंखें, हृदय वाल्व, हड्डी, त्वचा, नसें और टेंडन शामिल हैं। हृदय, यकृत, गुर्दे, आंतों, फेफड़ों, और पैनक्रियाज जैसे महत्वपूर्ण अंग केवल मस्तिष्क की मृत्यु के मामले में दान किए जा सकते हैं। हालांकि कॉर्निया, हृदय वाल्व, त्वचा, हड्डियों आदि जैसे अन्य ऊतकों को प्राकृतिक मौत के मामले में ही दान किया जा सकता है।

–आईएएनएस

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