मुंबई, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| मांग में धीमी बढ़ोतरी के कारण देश के विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की गति अगस्त में घटी है, क्योंकि अर्थव्यवस्था को लगातार प्रतिकूल थपेड़ों का सामना करना पड़ रहा है। प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी मिली।
निक्केई इंडिया मैनुफैक्चरिंग पर्चेजिंग सूचकांक (पीएमआई) के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन अगस्त में तीन महीनों में सबसे कम 51.7 पर रहा, जबकि जुलाई में यह 52.3 और जून में 53.1 पर था। यह सूचकांक विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन का समग्र सूचक है।
इस सूचकांक में 50 से ऊपर का अंक तेजी का तथा 50 से कम का अंक मंदी का संकेत है।
आईएसएच मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा, भारतीय निर्माताओं ने अगले 12 महीनों के लिए उत्पादन के लिए सकारात्मक अनुमान बनाए रखा है, लेकिन अगस्त में इसकी तेजी में गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा, दरअसल, अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली कुछ प्रमुख चुनौतियों में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, मौद्रिक नीति में सख्ती और उभरते बाजारों से पूंजी की आमद में कमी शामिल है।
हालांकि वैश्विक व्यापार में तनाव के वाबजूद फरवरी से विदेशी मांग में तेजी दर्ज की जा रही है।
डोढिया ने कहा, पीएमआई के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय सामानों की बाहरी देशों में मांग मजबूत है और निर्यात के नए आडर्स में फरवरी के बाद से तेजी देखी जा रही है।