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डाटा सुरक्षा विधेयक में उदार रुख दिखाए सरकार : बीआईएफ

नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)| विचार मंच ब्राडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) का कहना है कि डाटा लोकलाइजेशन अनिवार्य किए जाने से देश की आर्थिक विकास दर पर असर पड़ सकता है, इसलिए सरकार को इसमें उदारता का रुख दिखाना चाहिए। बीआईएफ के अनुसार, डाटा लोकलाइजेशन से लागत का बोझ बढ़ जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। विचार मंच ने एक विज्ञप्ति में कहा, बीआईएफ सरकार से डाटा सुरक्षा के अंतिम विधेयक में ज्यादा उदारता का रुख दर्शाने पर विचार करने की मांग करता है।

बीआईएफ की ओर से बुधवार को यहां डाटा सुरक्षा विधेयक पर विचार विमर्श करने के लिए एक पैनल परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल हुए आर्थिक मामलों के विश्लेषक व लेखक प्रांजल शर्मा ने कहा कि डाटा का लोकलाइजेशन असली मसला नहीं बल्कि असली मसला डाटा की सुरक्षा का इै जिसके लिए यह तय किया जाना चाहिए कि डाटा की किससे सुरक्षा और कैसे सुरक्षा की जाए।

शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि डाटा की सुरक्षा के उद्देश्य के साथ जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डाटा का संग्रहण कहीं भी हो मगर उसकी सुरक्षा अहम है जिसके लिए जिम्मेदारी तय करनी होगी।

परिचर्चा में शामिल हुए दूरसंचार एवं अपीलय अधिकरण के पूर्व सदस्य डॉ. कुलदीप सिंह ने भी कहा डाटा लोकलाइजेशन (स्थानीयकरण) कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसका उद्देश्य तय हो। मसला निजता की सुरक्षा का है, इसलिए डाटा का दुरुपयोग रोकने के लिए प्रभावकारी कानून बनना चाहिए।

सेवानिवृत न्यायाधीश बी. एन. श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश पर सरकार ने निजी डाटा सुरक्षा विधेयक के मसौदे पर जन-सुझाव मंगाया है। सुझाव देने की अंतिम तारीख पहले 10 सितंबर तय की गई थी, जिसे बुधवार को बढ़ाकर 30 सितंबर 2018 कर दी गई है।

डाटा सुरक्षा पर समिति ने अपनी रिपोर्ट जुलाई में केंद्र सरकार को सौंपी थी।

परिचर्चा में शर्मा और सिंह के अलावा, क्वालकॉम के वाइस प्रसिडेंट पराग कार, इकॉनोमिक टाइम्स के टी. के. अरुण, कट्स से स्वाति पुनिया और मीडियानामा के संस्थापक व सीईओ निखिल पहवा ने हिस्सा लिया।

कुछ विशेषज्ञों का कहना था कि डाटा के लोकलाइजेशन के लिए डाटा सेंटर भारत में बनाने से खर्च बढ़ जाएगा जिससे नवाचारी कार्यो पर असर पड़ेगा।

बीआईएफ के प्रेसिडेंट टी. वी. रामचंद्रन ने कहा कि डाटा सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मसलों पर चर्चा हो रही है, जिसके बाद मंच की ओर से सरकार को सुझाव दिया जाएगा।

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