आज देश की महिला मुस्लिमों के लिए बहुत बड़ा दिन है। बता दें आज तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है, जिसका विपक्षी दल पूरी तरह से विरोध कर रही हैं। उधर असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक के खिलाफ अध्यादेश पर मोदी सरकार का विरोध कर रही हैं।
ओवैसी ने कहा कि यह अध्यादेश पूरी तरह मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है। ओवैसी ने सरकार के इस फैसले को समानता के मूलभूत अधिकार के खिलाफ बताया है।
गौरतलब है कि मोदी कैबिनेट द्वारा लाए गए अध्यादेश का विरोध करने के साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस्लाम के तहत शादी एक सिविल कॉन्ट्रैक्ट है और उसमें आपराधिक प्रावधान लागू करना बिल्कुल गलत है। ओवैसी ने आगे कहा कि सरकार तीन तलाक कानून का आपराधिकरण करने के बजाय उन 24 लाख शादी-शुदा महिलाओं के लिए कानून लाए, जिन्हें बिना तलाक दिए उनके पति छोड़ चुके हैं।
देश के केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीन तलाक की कुप्रथा पर पाबंदी लगाए जाने के बाद भी यह जारी है, जिसके कारण अध्यादेश लागू करने की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह वोट बैंक की राजनीति के कारण राज्यसभा में लंबित ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ को पारित करने में सहयोग नहीं कर रही है।