नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| असम में वर्ष 2012 से अवैध रूप से रह रहे सात रोहिंग्याओं को भारत सरकार ने गुरुवार को म्यांमार भेज दिया।
शरणार्थियों का यह पहला जत्था है, जिसे वापस स्वदेश भेजा गया है।
इन रोहिंग्याओं को वर्ष 2012 में पुलिस ने हिरासत में लिया था और ये तभी से असम के कैचर सेंट्रल जेल में बंद थे।
एक अधिकारी ने बताया कि मणिपुर में मोरेह सीमा चौकी पर उन्हें म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया गया। प्रक्रिया को राज्य अधिकारियों द्वारा पूरा किया गया था।
इन सात आव्रजकों की पहचान मोहम्मद जमान मोहबुल खान, जमाल हुसैन, मोहम्मद यूनुस, सबीह अहमद, रहीम उद्दीन और मोहम्मद सलाम के रूप में हुई है, जिन्हें विदेशी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में 29 जुलाई, 2012 को गिरफ्तार किया गया था। इनकी उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच है।
सर्वोच्च अदालत ने इन सात लोगों के भेजने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।