NationalRepublic DayTop NewsUncategorized

1906 में फहराया गया था पहला तिरंगा, ऐसे बदला तिरंगे का स्वरूप, जानें क्या है इसकी पूरी कहानी

भारत आज गणतंत्र का 70वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। हर बार की तरह इस बार हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा शान से फहराया गया। वर्तमान में तिरंगे का जो स्वरूप है, क्या आप जनते है वह पहला नहीं है, बल्कि ध्वज का छठा स्वरुप है।यह जानना काफी रोचक होगा कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज आरंभ से किन-किन परिवर्तनों से गुज़रा। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का विकास आज के इस रूप में पहुंचने के लिए अनेक दौरों में से गुजरा। एक रूप से यह राष्ट्र में राजनीतिक विकास को दर्शाता है।

 

7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कलकत्ता में पहला तिरंगा फहराया गया था। इस ध्वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था।

इस ध्वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था।इस ध्वज को पेरिस में मैडम कामा से निर्वासित किए गए क्रांतिकारियों ने फहराया था। ध्वज में लगे सात तारे सप्तऋषि को दर्शाते हैं। यह ध्वज बर्लिन में हुए समाजवादी सम्मेलन में भी प्रदर्शित किया गया था।

जब हमारे राजनीतिक संघर्ष ने एक निश्चित मोड़ लिया तब,1917 तृतीय ध्वज आया। डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान इसे फहराया। इस ध्वज में 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्तऋषि के अभिविन्यास में इस पर बने सात सितारे थे। बाईं और ऊपरी किनारे पर (खंभे की ओर) यूनियन जैक था। एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।

1921 में बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) में आंध्र प्रदेश के एक युवक ने इस झंडे को बनाया और गांधी जी को दिया। यह दो रंगों का बना था। लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व करता है।


वर्ष 1931 ध्वज के इतिहास में एक यादगार वर्ष है। इस वर्ष तिरंगे ध्वज को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया जो केसरिया, सफेद और मध्य में गांधी जी के चलते हुए चरखे के साथ था।

 

22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे मुक्त भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया। स्वतंत्रता मिलने के बाद इसके रंग और उनका महत्व बना रहा केवल ध्वज में चलते हुए चरखे के स्थान पर सम्राट अशोक के धर्म चक्र को दिखाया गया। इस प्रकार कांग्रेस पार्टी का तिरंगा ध्वज अंतत: स्वतंत्र भारत का तिरंगा ध्वज बना।

=>
=>
loading...
Prarthana Srivastava