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युद्ध सरकारें नहीं लड़ती, पूरा देश लड़ता है, जानें कारगिल याद कर क्या-क्या बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पाकिस्तान पर 1947 से छल-कपट का आरोप लगाते हुए कहा कि युद्ध सरकारें नहीं लड़ती हैं, बल्कि पूरा देश लड़ता है। कारगिल युद्ध के समय भी पूरा भारत एकजुट होकर अपने वीर सैनिकों के साथ खड़ा था। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध ने भारत के प्रति दुनिया के नजरिये को बदल दिया। कारगिल विजय दिवस पर आयोजित समारोह के संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सेना के आधुनिकीकरण में धन का अभाव नहीं होने दिया जाएगा। मोदी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें करगिल जाने का अवसर मिला था, लेकिन जब करगिल युद्ध जीते थे तब भी वह करगिल गए थे।

उन्होंने कहा कि करगिल में विजय हमारे बेटों और बेटियों की बहादुरी की जीत थी। यह भारत की ताकत और धैर्य की जीत थी। यह भारत की पवित्रता और अनुशासन की जीत थी। यह हर भारतीय की उम्मीदों की जीत थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं 20 साल पहले करगिल गया था, जब युद्ध अपने चरम पर था, दुश्मन ऊंची चोटियों पर बैठे अपना खेल खेल रहे थे। हमारे जवान मौत का सामना कर रहे थे, तिरंगा ले जाने वाले हमारे जवान सबसे पहले घाटी तक पहुंचना चाहते थे।प्रधानमंत्री ने कहा कि गहरे समुद्र से लेकर असीम अंतरिक्ष तक जहां-जहां भी भारत के हितों के सुरक्षा की आवश्यता होगी भारत अपने सामथ्र्य का भरपूर उपयोग करेगा।

मोदी ने कहा कि पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा। 1948, 1965 और 1971 में उसने यही किया। लेकिन 1999 में उसका छल पहले की तरह फिर एक बार छलनी कर दिया गया।उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ कारगिल समेत चार लड़ाइयों में दुश्मन को पराजित करने के साथ ही भारतीय सैनिकों की बहादुरी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारी सेना परंपरागत युद्ध में पारंगत है, लेकिन आज युद्ध का स्वरूप बदल गया है। आज पूरी दुनिया छद्म युद्ध की शिकार है, जिसमें आतंकवाद पूरी मानवता को बहुत बड़ी चुनौती दे रहा है।

उन्होंने कहा कि युद्ध में पराजित कुछ लोग छद्म युद्ध के सहारे राजनीतिक मकसद पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। यही नहीं, लड़ाई अब अंतरिक्ष तक भी पहुंच गई है। यह साइबर दुनिया में भी लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि अब सेना को आधुनिक बनाना हमारी जरूरत भी है और प्राथमिकता भी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में नई चुनौतियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए न तो किसी दबाव में आएंगे और न प्रभाव में काम करेंगे और न ही किसी अभाव में काम होगा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH