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Zomato का आर्डर कैंसिल करने वाले अमित शुक्ला के खिलाफ पुलिस ने लिया सख्त एक्शन

जबलपुर| मध्य प्रदेश के जबलपुर में ऑनलाइन खाना उपलब्ध कराने वाले जोमैटो द्वारा गैर हिंदू के जरिये भेजे गए ऑर्डर को अस्वीकार कर ट्वीट करने वाले अमित शुक्ला को पुलिस ने नोटिस जारी किया है। साथ ही उसका रिकार्ड खंगाला है तो चौंकाने वाली बात सामने आई है कि उसने पूर्व में मांसाहारी खाना मंगाया था और डिलिवरी बॉय गैर हिंदू था। अमित शुक्ला ने जबलपुर में जोमैटो को खाने का अर्डर किया था। जब शुक्ला ने देखा कि खाना पहुंचाने आया व्यक्ति गैर हिदू है, तो उसने जोमैटो से दूसरा डिलिवरी बॉय भेजने को कहा। उसने श्रावण माह के कारण गैर हिदू से खाना न लेने की बात कही। साथ ही आर्डर निरस्त कर दिया था। इस पर उसने कई ट्वीट भी किए। इस मामले ने तूल पकड़ लिया।

जबलपुर के पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हमने एक नोटिस जारी किया है, जो अमित शुक्ल को भेजा जाएगा। उन्हें चेतावनी दी जाएगी कि अगर भविष्य में इसी तरह का कृत्य दोहराते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन पर नजर रखी जा रही है।” उन्होंने कहा कि जोमैटो का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। इसमें पता चला है कि अमित शुक्ला ने पूर्व में जोमैटो से हैदराबादी बिरयानी (मांसाहारी) मंगाया था और डिलिवरी बॉय गैर हिंदू था। उस समय उन्होंने कोई आपत्ति नहीं की थी। अमित ने जो किया है वह भारतीय संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्हें पाबंद करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) के न्यायालय में मामला दायर किया गया है।

ज्ञात हो कि शुक्ला ने मंगलवार रात ट्वीट किया था, “अभी-अभी मैंने जोमैटो का एक आर्डर रद्द किया। उन्होंने मेरा खाना गैर-हिन्दू व्यक्ति के हाथ भेजा और कहा कि वे इसे न तो बदल सकते हैं और न ही आर्डर रद्द करने पर पैसा वापस कर सकते हैं। मैंने कहा कि आप मुझे खाना लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। मुझे पैसा वापस नहीं चाहिए, बस आर्डर रद्द करो।” अमित ने जोमैटो के कस्टमर केयर से की गई बातचीत का स्क्रीनशॉट भी साझा किया था और कहा कि वह अपने वकील से इस बारे में परामर्श करेगा। जोमैटो ने इस ट्वीट के जवाब में लिखा, खाने का कोई धर्म नहीं होता है। खाना खुद ही एक धर्म है।

जोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने भी अपनी कंपनी के रुख का साथ देते हुए ट्वीट किया था, “हम भारत पर गर्व करते हैं और हमारे सम्मानित ग्राहकों और भागीदारों की विविधता पर भी। हमें अपने मूल्यों के रास्ते में आने वाले किसी भी ग्राहक को खोने का खेद नहीं है।”

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH