मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए अपने साक्षात्कार में उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नागरिकता को छीनने के बारे में नहीं है, यह देने के बारे में है। अगर एनआरसी लागू किया गया, तो हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के लिए नागरिकता साबित करना मुश्किल होगा। मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।’
संसद में शिवसेना ने किया था CAA का समर्थन
इससे पहले उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में वोटिंग की थी। हालांकि जब ये बिल राज्यसभा में पहुंचा तो शिवसेना ने सदन से वाक आउट कर दिया था।
इसके बाद संसद के दोनों सदनों से नागरिकता संशोधन बिल पारित हो गया था और राष्ट्रपति की मंजूरी से कानून बन गया था। नागरिकता संशोधन अधिनियम को सरकारी गजट में भी प्रकाशित किया जा चुका है। जिसके बाद से यह कानून पूरे देश में लागू हो चुका है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का यह ताजा बयान उस समय सामने आया है, जब नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम मुसलमानों के खिलाफ है और धर्म के आधार पर भेदभाव करता है।