नई दिल्ली। काफी समय से गौमूत्र पर काम कर रही पंतनगर विवि की कीट वैज्ञानिक डॉ रुचिरा तिवारी ने कोरोना वायरस से बचने के लिए एक नई तरकीब खोज निकाली है। उनकी माने तो अब गौमूत्र से कोरोना वायरस के इलाज की संभावना हो सकती है। उन्होंने कहा कि गोमूत्र मल्टीपर्पज इफेक्ट के रूप में काम करता है। डॉ ने कहा कि गौमूत्र वायरस और फंगस से निपटने में कारगर है। जब गौमूत्र के छिड़काव से मधुमक्खियों में हुए वायरस अटैक को खत्म किया जा सकता है तो गौमूत्र की विशेषताओं पर शोध करना जरूरी है। कोरोनावायरस से लड़ने में यह कितना कारगर साबित होगा, अभी यह कह पाना मुश्किल है लेकिन तय है कि गौमूत्र इंसानों के लिए फायदेमंद है।
चीन में फैले कोरोना वायरस का असर सेलाकुई की फार्मा इंडस्ट्री में भी दिखने लगा है। कोरोना के कारण केंद्र सरकार ने कुछ सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) और फॉर्मुलेशंस के आयात पर रोक लगा दी है। इससे औद्योगिक इकाइयों को उक्त औषधि सामग्री महंगे दाम पर अन्य देशों से आयात करनी पड़ रही है। इस कारण दवा कंपनियों को बीते माह करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
बलुवाकोट झूलापुल में डॉ। राकेश खाती, फार्मासिस्ट भुवन चंद भट्ट की टीम ने 50 और जौलजीबी में डॉ। रमेश गर्ब्याल, फार्मासिस्ट दीपक भट्ट की टीम ने 60 लोगों का परीक्षण कर कोरोनावायरस की जानकारी दी। कोरोनावायरस के चलते अब तक तीनों झूलापुलों पर दोनों देशों से आवाजाही कर रहे तीन हजार से ज्यादा लोगों का परीक्षण कर जानकारी दी गई है।