नई दिल्ली। पीएम मोदी ने कोरोना के कहर से बचने के लिए बीते दिनों 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इनके मुताबिक़ भारत के हर शख्स को घर में ही रहना है लेकिन इस लॉकडाउन का सबसे बुरा असर मजदूर वर्ग पर पड़ा है। रोज़ कमाने रोज़ खाने वाले मजदूर की रोज़ी तो गई ही, साथ ही जो जहाँ था वहीँ फंस गया। ऐसे में लोग पैदल ही सैकड़ों किमी के सफर पर अपने घर जाने को निकल पड़े। इसी के चलते एक मजदूर की मौत हो गई।
जानकारी मिली है कि एमपी के मुरैना जिले में अंबाह के गांव बड़ का पुरा के 38 वर्षीय रणवीर दिल्ली के तुगलकाबाद में एक रेस्टोरेंट से होम डिलिवरी का काम करते थे। लॉकडाउन के बाद रेस्टोरेंट बंद हो गया। वह शुक्रवार को दिल्ली से अपने घर के लिए दो साथियों संजय और एक अन्य के साथ पैदल निकल पड़े। शनिवार को सुबह पांच बजे रणवीर आगरा पहुंचे थे
बताया जाता है कि सिकंदरा क्षेत्र में कैलाश मोड़ पर गुप्ता हार्डवेयर के सामने पहुंचते ही रणवीर को बेचैनी होने लगी। वह सड़क किनारे बैठ गए। हार्डवेयर शॉप मालिक वहीं पर खड़े थे। उन्होंने रणवीर को परेशान देखा तो उनके पास जाकर हाल पूछा। रणवीर ने उन्हें सीने में दर्द होने की बात कही। इस पर दुकान मालिक ने दुकान के सामने तिरपाल बिछाकर वहीं आराम करने को कह दिया और घर से चाय और बिस्कुट लाकर उन्हें खिला दिए, लेकिन इसके बाद रणवीर की तबीयत बिगड़ती चली गई और थोड़ी देर में ही उनकी मौत हो गई।