नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस दुनिया के लगभग सभी देशों में पहुंच चुका है। लेकिन इस वायरस से सबसे ज्यादा तबाही विकसित देशों जैसे इटली और अमेरिका में मची है। अमेरिका में तो रोज़ हजारों लोग इस वायरस से मौत के मुंह में जा रहे हैं जबकि लाखों इससे संक्रमित हैं। दुनिया के कई बड़े देश जैसे अमेरिका, चीन और जापान इस वायरस का टीका विकसित करने में लगे हैं लेकिन अब तक उन्हें नाकामी ही हाथ लगी है। लेकिन इन सबके बीच ब्रिटेन से एक आशा की किरण दिखाई दे रही है।
दरअसल ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में वैक्सीनोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है।
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए गिलबर्ट ने वैक्सीन के सितंबर तक बाजार में उपलब्ध होने की बात कही। ब्रिटिश वैज्ञानिक ने बताया कि हम महामारी का रूप ले चुकी इस बीमारी पर काम कर रहे थे। हमने इसका नाम एक्स दिया है।
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि ChAdOx1 तकनीक के साथ इसके 12 परीक्षण किए जा चुके हैं। हमें एक डोज से ही इम्यून को लेकर बेहतर परिणाम मिले हैं, जबकि आरएनए और डीएनए तकनीक से दो या दो से अधिक डोज की जरूरत होती है।
प्रोफेसर गिलबर्ट ने इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो जाने की जानकारी दी और सफलता का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी एक मिलियन डोज इसी साल सितंबर तक उपलब्ध हो जाएगी। हम आशा करते हैं कि दवा के बाज़ार में आ जाने के बाद कोरोना से किसी की मौत नहीं होगी।