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2019 के अंत से ही कोरोना दिखाने लगा था अपना रौद्र रूप, चेत जाते तो न होता दुनिया का ये हाल

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना के कारण मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अबतक दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के 3,659,243 मामले सामने आए हैं जबकि 259,612 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि 1,197,313 लोग संक्रमण से ठीक भी हो चुके हैं। यही नहीं समाचार एजेंसी रॉयटर की रिपोर्ट केअनुसार, दुनियाभर में 90,000 स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारी कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज ने बताया है कि इस जानलेवा वायरस ने दुनियाभर में 260 से ज्‍यादा नर्सों की जान चली गई है।

उधर, सीएनएन ने 5 मई को रिपोर्ट जारी कर कहा कि ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने दुनिया भर के 7600 मरीजों से प्राप्त कोरोना वायरस के जीन का विश्लेषण किया। जाहिर है कि वायरस पिछले साल के अंत से दुनिया भर में फैलने लगा था। पहला मामला आने के बाद इसका तेज फैलाव शुरू हुआ।

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ जेनेटिक्स के शोधकर्ता फ्रेंकोइस बलोक्स ने सीएनएन को बताया कि कोरोना वायरस में परिवर्तन हो रहा है, लेकिन मतलब नहीं कि वह बिगड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि हमें पक्का विश्वास है कि वायरस पिछले साल के अंत में मानव को संक्रमित होने लगा था।सीएनएन ने कहा कि इससे साफ हो गया है कि वायरस का फैलाव औपचारिक रिपोर्ट से पहले पश्चिमी देशों में होने लगा था।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH