बेंगलुरु। देश में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद हुए लॉकडाउन में जो जहां था वहीँ फंस गया। सरकार ने कोरोना के असर को रोकने के लिए विमान, रेल और बस सेवाएं पूरी तरह रोक दी थीं। साथ ही अपने वाहन से भी यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया।
इस दौरान प्रवासी मजदूरों की हालत किसी से छिपी नहीं रही। दो वक्त की रोटी को मोहताज होने के बाद मजबूर होकर प्रवासी मजदूर सैकड़ों-हजारों किलोमीटर यात्रा कर अपने-अपने राज्यों को वापस पहुंचे। इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जो लॉकडाउन के बाद की स्थितियों को बताती है।
दरअसल देश में लॉकडाउन के बीच घरेलू विमानों की सेवा बहाल होने के बाद पांच साल का बच्चा अकेले फ्लाइट से दिल्ली से बेंगलुरु ट्रेवल कर अपनी मां के पास पहुंच गया। इस दौरान विमान में न तो बच्चे का कोई जानकार बैठा था और न कोई रिश्तेदार।
वह तीन महीनों से दिल्ली में अपने दादा-दादी के पास था। लॉकडाउन की वजह से मां के पास नहीं जा पा रहा था। पांच साल के बच्चे का नाम विहान शर्मा है। विहान की मां मंजीश शर्मा बेटे को लेने एयरपोर्ट पहुंची थी। विहान की मास्क-ग्लव्स पहने और हाथ में स्पेशल कैटेगरी का स्टीकर लिए तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
मंजीश शर्मा ने कहा कि उन्हें तीन महीने बाद उनमें अपने बेटे विहान शर्मा को देखने की ललक थी। जब विहान बेंगलुरु पहुंचा तो उसकी मां मंजरी वहां पर पहले से मौजूद थीं। हालांकि कोरोना को देखते हुए वह अपने बेटे को गले नहीं लगा सकीं।