कुरनूल। आंध्र प्रदेश के कुरनूल से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। यहां एक गर्भवती महिला की मौत के बाद गांवोंवालों ने उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि महिला के पेट में बच्चा है अगर उसका अंतिम संस्कार किया गया तो गांवों वालों के लिए अनिष्ट होगा। गांव पर कोई विपत्ति आ सकती है। जिसके बाद इस डर महिला के परिजन भी गांव वालों की बात मान गए और उसे जंगल में उसके शव को पेड़ से बांधकर वापस चले आए। इस बीच गांव के ही कुछ जागरूक लोगों ने पुलिस को इस बात की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला के शव को पेड़ से नीचे उतरवाकर 14 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, 270, 297 और 504 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
बी. नागिरेड्डीपल्ले गांव निवासी धर्मेंद्र नामक व्यक्ति से लावण्या की डेढ़ साल पहले शादी हुई थी। नौ महीने की गर्भवती लावण्या को प्रसव पीड़ा के चलते शुक्रवार को शिरवेल्ली गांव से नंद्याल सरकारी अस्पताल लाया गया. वहां पर डॉक्टरों की लापरवाही के कारण लावण्या की डिलीवरी होने से पहले ही मौत हो गई।
परिजनों ने शनिवार को महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए बी नागिरेड्डीपल्ले लेकर आए और अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। इसी दौरान गांव के कुछ लोग वहां पहुंचे और पेट में बच्चा रहने के कारण अंतिम संस्कार करने पर आपत्ति जताई। इसके चलते लाचार परिजनों ने आधी रात को गर्भवती महिला के शव को एक वाहन में नल्लमला जंगल में लेकर गए। अप्पनपल्ले गांव के पुलिबोनु नदी के पास एक पेड़ से महिला के शव को बिठाकर रस्सी से बांध दिया और वापस चले आए।