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विकास दुबे और उसके साथी पानी की तरह बरसा रहे थे गोली, हमले में घायल एसओ की आपबीती

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिस वालों की हत्या का आरोपी विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। विकास ने जिस तरह बेरहमी से पुलिस वालों को मारा उससे हर कोई हैरान है। इस बीच बिठूर के थानाध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने उस  रात की पूरी कहानी बताई है जिसे सुनकर आपका भी दिल दहल जाएगा। कानपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे सिंह ने कहा, ‘पुलिस दल को तनिक भी आभास नहीं था कि उस पर ऐसा जघन्य हमला होने जा रहा है। पुलिस के पास उस हमले का जवाब देने के लायक हथियार भी नहीं थे। दूसरी ओर हमलावर पूरी तरह से तैयार थे। उन सब के पास सेमी ऑटोमेटिक हथियार थे। जैसे ही हम गली में खड़ी की गई जेसीबी को पार कर आगे बढ़े, छत से गोलियों की बौछार शुरू हो गई।

सिंह ने कहा कि पुलिस कर्मियों को अंधेरे का सामना करना पड़ा जबकि हमलावरों के पास टॉर्च थी जिनकी रोशनी सिर्फ पुलिसकर्मियों पर पड़ रही थी। पुलिस बदमाशों को नहीं देख पा रही थी। बिठूर थाना अध्यक्ष ने कहा, ‘उन्हें फोन करके इस छापेमारी के लिए बुलाया गया था क्योंकि चौबेपुर और बिठूर एक दूसरे से सटे हुए इलाके हैं। लिहाजा हम एक-दूसरे थाने की पुलिस की मदद करते हैं। रात करीब 12:30 बजे हम दुबे के मकान पर छापा डालने के लिए निकले थे. हमारे साथ चौबेपुर के थानाध्यक्ष भी थे। हमने अपने वाहन विकास दुबे के घर से 200 ढाई सौ मीटर की दूरी पर खड़े किए थे।

उन्होंने बताया कि पुलिस जैसे ही जेसीबी वाहन को फांदकर दूसरी तरफ पहुंची, बमुश्किल एक मिनट के अंदर छत से गोलियों की बौछार शुरू हो गई। पहले राउंड में तीन पुलिसकर्मियों को गोलियां लगी जबकि बाकी पुलिसकर्मी जहां-तहां छुप गए। जिसे जो जगह मिली वह वहां दुबक गया।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH