अहमदाबाद। गुजरात में बीजेपी की सरकार में एक मंत्री के बेटे को लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर आड़े हाथों लेने वाली पुलिस कांस्टेबल सुनीता यादव ने अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया है। हालांकि, अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। ऐसे में सुनीता यादव के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिसवालों को तैनात किया गया है।
सुनीता यादव ने कहा कि उस दिन बड़ी घटना होते-होते रह गई, मेरी किस्मत अच्छी थी कि वहां पर एक FoP का जवान था जिसने वीडियो बनाई। इससे मैं साबित कर सकती हूं कि मैं उस वक्त सही थी। उन्होंने कहा, ‘पहले मुझे लगता था कि खाकी में ताकत है। इस घटना ने सिखाया है कि ताकत रैंक में होती है। इसलिए मैं आईपीएस की तैयारी करना चाहती हूं। मैं रैंक के साथ वापस आना चाहती हूं। यह मुद्दा आसानी से हल किया गया जा सकता था लेकिन इसे जबरदस्ती बढ़ाया जा रहा है क्योंकि मेरे पास रैंक नहीं है।
सुनीता ने कहा कि जरूरी वजह हो तो कर्फ्यू के दौरान आने जाने की अनुमति है लेकिन इन लोगों के पास कोई वजह नहीं थी। उन्होंने मुझसे ‘सॉरी’ कहते हुए माफी मांगी। मैंने उन्हें बिना सजा दिए जाने देने के बारे में सोचा, लेकिन कानून के अनुसार मुझे कुछ करना था। मेरे पास चालान या स्लिप नहीं थी इसलिए मैंने सोचा कि कानून के उल्लंघन के लिए कुछ डांट फटकार ठीक होगी।
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