रांची। कहते हैं कि अगर इंसान ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है झारखंड के धनंजय और उसकी पत्नी ने। धनंजय की पत्नी सोनी प्रेग्नेंट हैं। उसे डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीईएलडीएड) के द्वितीय वर्ष की परीक्षा देने ग्वालियर जाना था। अब चूंकि परिवहन बंद हैं ऐसे में सोनी के लिए परीक्षा दे पाना संभव नहीं था। लेकिन सोनी और उसके पति से हिम्मत न हारते हुए 1100 किमी का सफर स्कूटी से कर डाला। धनंजय पत्नी को बिठाकर झारखंड से स्कूटी चलाते हुए बिहार, उत्तर प्रदेश के रास्तों से होता हुआ ग्वालियर पहुंचा। इस दौरान हालांकि उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।
धनंजय ने बताया कि पत्नी को परीक्षा दिलानी थी, कोरोना के कारण परिवहन का कोई साधन नहीं मिला। बस वाले ने ग्वालियर तक के लिए प्रति सवारी 15 हजार रुपये मांगे। इतनी रकम उसके लिए दे पाना संभव नहीं था। इन स्थिति में उसने तय किया कि वह स्कूटी से ग्वालियर जाएगा।
धनंजय बताया कि वह खुद पढ़ नहीं पाया, इसलिए चाहता है कि पत्नी सोनी ही पढ़ाई कर नौकरी करे। यह परीक्षा पास करने के बाद सोनी को शिक्षिका की नौकरी मिल सकती है। ग्वालियर में परीक्षा 12 सितंबर तक चलनी है। इसके लिए धनंजय ने एक कमरा किराए पर लिया है और उसकी पेशगी के तौर पर 15 सौ रुपये दिए हैं।
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