लखनऊ। शिक्षक ही व्यक्ति को सही से जीवन जीने और संघर्षों से लड़कर जीतना सीखाता है। शिक्षक का स्थान किसी भी व्यक्ति के जीवन में सर्वोपरि होता है। इसलिए कहा गया है कि गुरु के बिना ज्ञान नहीं। गुरु का होना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि ज्ञान के बिना मनुष्य का जीवन अंधकार में रहता है। गुरु हमारे अंदर ज्ञानरुपी दीपक को प्रज्वलित करके प्रकाश की ओर ले जाता है। 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं। यह दिन गुरुजनों के प्रति विशेष सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
इस ख़ास मौके पर कुशाग्र वर्मा महानगर उपाध्यक्ष (सक्षम) ने कहा मैं देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को प्रणाम करता हूं। इस दिन को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। गुरु ही ऐसा शख्स है जो हमें अंधकार से निकालकर प्रकाश में स्थान देता है। क्या अच्छा है क्या बुरा है इसका ज्ञान गुरु ही करता है। गुरु के स्थान को माता पिता से भी ऊपर रखा गया है क्योंकि माता-पिता हमें जन्म देते हैं। हमारा पालन पोषण करते हैं लेकिन गुरु हमें ज्ञान देता है। हम जब कभी भी किसी परेशानी में फंस जाते हैं तो गुरु ही ऐसा शख्स होता है जो हमें अपने ज्ञान रुपी प्रकाश से परेशानी से बाहर निकालता है।
उन्होंने कहा कि हमें किस मार्ग पर जाना है ये गुरु ही हमें बताया है। कबीरदास ने भी कहा है कि जीवन में कभी भी ऐसी परिस्थिति भी आती है जब भगवान और गुरु एक साथ खड़े हों तो हमें सबसे पहले गुरु के चरण छूने हैं। उसके बाद भगवान के चरण छूने हैं। इसलिए गुरु का सबसे अधिक महत्त्व हमारे जीवन में होता है क्योंकि बचपन से लेकर जब तक हम समझने वाले होते हैं। या फिर जीवन के अंत तक कोई न कोई एक शख्स हमारे साथ रहता है जो गुरु के रूप में हमारा मार्गदर्शन करता रहता है।