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नोटबंदी के चलते सरकार ने करों पर दिए राहत के संकेत

arun-jaitley

नयी दिल्ली। नोटबंदी चलते हो रही परेशानी को झेल रही जनता को बजट में राहत के आसार के संकेत मिल रहे हैं। जेटली ने कहा कि भविष्य में ज्यादातर लेनदेन डिजिटल प्रणाली के जरिये होगा भारत कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बढ़ रहा है। ‘‘जैसे ही डिजिटल लेनदेन बढ़ेगा वह कर दायरे में आ जायेंगे और इस लिहाज से भविष्य में कर का स्तर भी मौजूदा स्तर के मुकाबले काफी उंचा होगा। इससे सरकार को किसी स्तर पर कर दरों को भी अधिक तर्कसंगत बनाने का अवसर मिलेगा. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों में ही यह होगा।
जेटली ने कहा कि नोटबंदी के साथ साथ दूसरे सुधारों के लागू होने विशेषतौर से जीएसटी के अमल में आने तथा नकद खर्च अधिक करने पर पैन नंबर को अनिवार्य बनाने से समाज में भ्रष्टाचार कम होगा ‘‘लोगों के बीच नकद लेनदेन कम होगा जिससे कर चोरी भी कम होगी।
बेहिसाब धन और संपत्ति पर है कड़ी नजऱ
वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा नोटबंदी की वजह से बेहिसाब किताब वाली संपत्ति तंत्र में आ रही है जिसके परिणामस्वरुप राजस्व प्राप्ति बढ़ेगी. जेटली ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो कि बड़ी मात्रा में नकदी अपने पास रखे हुये हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी ‘‘भारी कीमत चुकानी पड़ेगी एजेंसियां पूरे मामले पर नजदीकी से निगाह रखे हुये हैं।
सरकार ने आठ नवंबर को एक झटके में उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को बंद कर दिया उसके इस आदेश से अर्थव्यवस्था में चल रही 86 प्रतिशत राशि के नोट चलन से बाहर हो गये. सरकार ने बंद किये गये नोटों को इस साल की समाप्ति से पहले अपने बैंक खातों में जमा कराने की अनुमति दी है। दूसरी तरफ बैंकों से नई करेंसी वितरित की जा रही है।
हर हाल में वसूल जाएगा कर
बैंक खातों में जो भी धन जमा कराया गया है उसका हिसाब-किताब देना होगा और उसपर कर भुगतान करना होगा. ऐसे बेहिसाब धन की स्वैच्छिक जानकारी देने पर 50 प्रतिशत की दर से कर देना होगा जबकि खुलासा नहीं करने पर 85 प्रतिशत की दर से कर लिया जायेगा. उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह से काफी धन जो कि आर्थिक तंत्र में खुली नकदी के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है अब बैंकिंग तंत्र में आ गया है उन्होंने कहा, ‘‘इसका पूरा हिसाब किताब होना चाहिये और जहां कर नहीं लिया गया है वहां कर वसूला जायेगा।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar