लंदन। भारत के एक प्राथमिक स्कूल शिक्षक को बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने एवं देश में त्वरित कार्रवाई (क्यूआर) कोड वाली पाठ्यपुस्तक क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए 7 करोड़ रु का पुरस्कार मिला है। इस प्राइमरी शिक्षक का नाम रंजीत सिंह दिसाले हैं जिन्होंने ग्लोबल टीचर प्राइज जीता है। लेकिन इन्होंने बड़ा दिल दिखाते हुए रकम का आधा हिस्सा प्रतिभागियों में दान करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी ने शिक्षा और संबंधित समुदायों को कई तरह से मुश्किल स्थिति में ला दिया, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में शिक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए यथाश्रेष्ठ देने का प्रयास कर रहे हैं कि हर विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा सुलभ हो।”
दिसाले ने कहा, “शिक्षक असल में बदलाव लाने वाले लोग होते है जो चॉक और चुनौतियों को मिलाकर अपने विद्यार्थियों के जीवन को बदल रहे हैं। वे हमेशा देने और साझा करने में विश्वास करते हैं और इसलिए मैं यह घोषणा करते हुए खुश हूं कि मैं पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा अपने साथी प्रतिभागियों में उनके अतुल्य कार्य के लिए समान रूप से बांटूंगा। मेरा मानना है कि साथ मिलकर हम दुनिया को बदल सकते हैं क्योंकि साझा करने की चीज बढ़ रही है।