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नोटबंदीः राजनीतिक दलों को छूट पर ममता, केजरीवाल का भाजपा पर हमला

arvind and mamata

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को जहां नोटबंदी और इससे होने वाले फायदों का राग अलापा, वहीं विपक्षी पार्टियों ने सत्तापक्ष पर हमला जारी रखा और नोटबंदी में राजनीतिक दलों को छूट दिए जाने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि लोगों को तकलीफ हो रही है, लेकिन 50 दिनों की तकलीफ के बाद आगामी 50 वर्षो तक काले धन से निजात मिल जाएगी।
उन्होंने कहा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल केवल नोटबंदी की बातें कर रहे हैं। मुझे यह बात समझ में नहीं आ रही है कि वे इतना चिंतित क्यों हैं, नोटबंदी से उनका आखिर क्या नुकसान हुआ है?
वहीं, कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी पर अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकते, कांग्रेस उनसे जवाब लेकर रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का असली इरादा गरीबों के पैसों को महीनों तक बैंकों में जब्त करके रखना और अपने चंद अमीर दोस्तों को फायदा पहुंचाना है।
राहुल ने कहा, इनकी मंशा गरीबों से खींचने और अमीरों को सींचने की है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 50 दिनों में कुछ भी सुधार नहीं होगा। मैं यह आपको लिखकर दे सकता हूं। आपके पैसे बैंक के तहखानों में 4-5 महीने तक बंद रहेंगे। आप कष्ट झेलते रहेंगे..ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि सरकार ने जानबूझकर पर्याप्त मात्रा में नोट नहीं छापे, ताकि लोग ज्यादा पैसे निकाल न सकें। अगर आम आदमी अपने पैसे निकाल लेता, तो उनके असल इरादे व मकसद बेकार हो जाते।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद ने धमकी देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी द्वारा तय की गई 50 दिनों की समय सीमा के बाद सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) सहित समान विचारधारा की तमाम पार्टियों के साथ मिलकर लोकविरोधी फैसले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी के नोटबंदी का वही हश्र होगा, जो आपातकाल के दौरान कांग्रेस के नसबंदी का हुआ था। इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उनके दिल्ली के समकक्ष केजरीवाल ने अमान्य करार दिए गए नोटों को जमा कराने के दौरान राजनीतिक दलों को करों में छूट दिए जाने के कदम को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की।

ममता ने ट्विटर पर कहा, अगर 500/1000 रुपये के नोट अवैध हैं, तो वे यह दिखाने की कोशिश कैसे कर रहे हैं कि आम जनता और राजनीतिक पार्टियों में फर्क है। ममता ने राजनीतिक दलों को छूट दिए जाने के पीछे सरकार की कोई गुप्त मंशा होने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा कि सर्वाधिक कालाधन राजनीतिक दलों के हाथों में है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम राजनीतिक पार्टियों को अपना काला धन सफेद करने में मदद करेगा।

उन्होंने राजनीतिक दलों के खातों व चंदे के स्रोत का पता लगाने के लिए एक स्वतंत्र आयोग गठित करने की भी मांग की। उन्होंने कहा, आप आम आदमी को 2.5 लाख रुपये जमा करने पर उसकी आमदनी के स्रोत की जांच कराने की बात करते हैं लेकिन आप राजनीतिक दलों को आयकर से मुक्त कर देते हैं जो करोड़ों रुपये के पुराने बंद नोट जमा कर रहे हैं। यह सही नहीं है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात को लेकर भी निशाना साधा और उसे काला धन छिपाने का सौदा करार दिया।

उन्होंने कहा कि बड़े नोटों को बंद करने का फैसला असंवैधानिक है, क्योंकि इसके कारण लोग अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रहे। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के गठन के बाद से अब तक के आयकर ब्योरों की जांच की गई है। हमलोग किसी भी जांच से नहीं डरते। इससे भाजपा और अन्य दल क्यों डरे हुए हैं?

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar