गाजियाबाद। इस्लाम में तीन तलाक को जायज ठहराने वालों के लिए यह मुस्लिम महिला एक आईना है। इस मुस्लिम मुस्लिम महिला की कहानी ऐसी है जिसे पति ने एक बच्चे की मां बनाने के बाद तीन तलाक कह दिया। पति के दोस्तों ने भी हलाला के नाम पर उसका शारीरिक शोषण किया। अब वह इस कदर आजिज आ गई है कि हिंदू धर्म अपनाना चाहती है।
इसके लिए बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट के यहां बयान देने पहुंची थी, लेकिन उसका बयान नहीं हो सका। वह कहती है कि हिंदू धर्म अपनाने के बाद वह शादी नहीं करेगी। उसका मकसद तलाक पीड़िता मुस्लिम महिलाओं को जागरूक करना है।
तलाक पीड़िता मुस्लिम महिला ने बताया कि कैला भट्ठा में वह रहती है। उसका निकाह 2006 में हुआ था। घरेलू कलह के चलते पति ने तलाक दे दिया। उसका एक बच्चा भी है। हलाला के नाम पर पति के दोस्तों ने भी उसका शारीरिक शोषण किया और बाद में पति ने भी ठुकरा दिया।
कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर वहां से भी तीन तलाक को जायज ठहरा दिया गया। महिला कहती है कि जिस मजहब में उसकी कोई सुनवाई नहीं है, उस मजहब का पालन करने का कोई औचित्य नहीं है। पिछले रविवार को आर्य समाज मंदिर में हिंदू धर्म अपनाने जा रही थी, लेकिन एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर प्रक्रिया को बंद करा दिया।
बुधवार को वह जय शिवसेना के अध्यक्ष अमित आर्या के साथ बयान दर्ज कराने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में पहुंची थी। कोर्ट में करीब तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद भी जब सिटी मजिस्ट्रेट नहीं आए तो वह वापस लौट गई।