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यूपी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को कोर्ट ने सुनाई एक साल की सजा, मिली जमानत

लखनऊ। योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दर्ज मुकदमे में प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है। हालांकि कोर्ट ने उन्हें तत्काल ही जमानत दे दी। नंदी को कोर्ट ने सजा के खिलाफ अपील दाखिल करने के लिए जमानत दी गई।अब नंद गोपाल नंदी सजा के खिलाफ ऊपरी में अपील करेंगे।

मामला साल 2014 का है, जब लोकसभा चुनाव के दौरान मंत्री नंदी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मुट्‌ठीगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।  नंदी पर आरोप था कि उन्‍होंने  चुनाव के दौरान तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह की जनसभा में हमला किया था। नंदी उस समय कांग्रेस के प्रत्‍याशी थे। नंदी पर आरोप है कि उन्‍होंने और उनके समर्थकों ने प्रयागराज के मुट्ठीगंज में चल रही जनसभा में हिंसक हमला किया। इसके अलावा अपने समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाया भी।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान प्रयागराज की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट ने मंत्री के खिलाफ लगाई गई दो धाराओं 147 और 323 के तहत सजा सुनाई है। आईपीसी की धारा 147 के तहत एक साल की सजा और पांच हजार का जुर्माना लगाया है। वहीं, धारा 323 के तहत 6 महीने की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।

मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को कोर्ट से सजा होने के बावजूद उनकी विधानसभा की सदस्यता रद नहीं होगी। दरअसल, सांसदों और विधायकों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट होती है। अगर किसी मामले में मौजूदा विधायक अथवा सांसद को 2 साल या उससे अधिक की सजा होती है तो सदस्यता रद होती है अन्यथा नहीं। ऐसे में नंदी की सदस्यता नहीं जा सकती।

 

 

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH