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जम्मू-कश्मीर : सेना के जवानों ने गर्भवती महिला को 5 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल

श्रीनगर। पिछले एक महीने में भारतीय सेना ने कश्मीर रीजन में लगभग 10 गर्भवती महिलाओं की जान बचाई, उन्हें अस्पताल पहुंचाया और देश की सुरक्षा के संकल्प को ना ही दोहराया बल्कि स्थानीय लोगों की भी मुसीबत में जान बचाई। ऐसा ही आज भी भारतीय सेना ने बर्फ से घिरे कुपवाड़ा जिले में किया, जहां एक गर्भवती महिला को कंधे पर लादकर, 5 किलोमीटर बर्फ में पैदल चलकर को अस्पताल पहुंचाया। महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।

भारतीय सेना ने आपात कॉल का जवाब देते हुए आज 06 फरवरी को सुबह 11:00 बजे कालारूस ब्लॉक के बर्फ से ढके बड़ाखेत गांव से एक गर्भवती महिला को बचाया। सेना के शिविर को परिवार के सदस्यों से एक संकटपूर्ण कॉल प्राप्त हुई, जिसमें एक गर्भवती महिला की तत्काल चिकित्सा निकासी का अनुरोध किया गया, जिसकी हालत गंभीर थी। भारी बर्फबारी के कारण सड़कें पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई थीं और बहुत फिसलन थी, कोई निजी वाहन या सेना का वाहन घर तक नहीं पहुंच सकता था क्योंकि सड़क संकरी, खड़ी, घुमावदार, फिसलन भरी और खतरनाक थी।

स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, कालारूस सीओबी के बचाव और चिकित्सा दलों ने तुरंत संकट की सूचना का जवाब दिया और महिला को कंधों पर बिठाकर बर्फ से ढके हुए इलाके और लगातार बर्फबारी के बीच ले गए। सैनिकों ने गर्भवती महिला को सूमो ब्रिज के पास 5 किमी तक एक स्ट्रेचर पर लिटा दिया, जहां मरीज को लेने के लिए एक एंबुलेंस तैयार थी। परिवार और डॉक्टरों ने उनकी त्वरित कार्रवाई और समय पर सहायता के लिए भारतीय सेना का आभार व्यक्त किया।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कलारूस पहुंचने पर तुरंत प्रसव प्रक्रिया शुरू हुई और एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ, मां और बच्चा ठीक हैं। 5 किमी तक की कड़ी मेहनत के बाद सैनिकों की प्रतिबद्धता और जोश को देखकर परिवार की आंखों में आंसू आ गए। निकासी में किसी भी तरह की देरी से मां और बच्चे दोनों के जीवन को खतरा होता। स्थानीय लोगों, डॉक्टरों द्वारा नि:स्वार्थ कार्य की व्यापक रूप से सराहना की गई और यह कुपवाड़ा में अवाम और भारतीय सेना के कनेक्ट का एक सच्चा उदाहरण है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH