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कमलनाथ के सबसे करीबी दीपक सक्सेना ने छोड़ा उनका साथ, बीजेपी में हुए शामिल

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सबसे करीबी दीपक सक्सेना ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। सक्सेना अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गये। पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना शुक्रवार की रात भोपाल स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में अपने समर्थकों के साथ पहुंचे, जहां सीएम डॉ. मोहन यादव ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई। इससे पहले 22 मार्च को दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। अजय सक्सेना के भाजपा में जाने के बाद से ही दीपक सक्सेना के भी बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं। हालांकि 2 अप्रैल को छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने दीपक सक्सेना के घर जाकर बातचीत की थी और उन्हें मनाने की कोशिश की थी। इसके बाद भी दीपक सक्सेना ने 45 साल का कमलनाथ से रिश्ता तोड़ते हुए बीजेपी ज्वाइन कर ली।

दरअसल कमलनाथ के छिंदवाड़ा आने से पहले दीपक सक्सेना राजनीति में आ चुके थे। 1970 में पहली बार दीपक सक्सेना रोहना ग्राम पंचायत के पंच बने। इसके बाद 1975 से 1980 तक दीपक सक्सेना रोहना के सरपंच रहे। इसी बीच 1979 में छिंदवाड़ा आए कमलनाथ से दीपक सक्सेना की मुलाकात हुई थी। यहां से सरपंच दीपक सक्सेना राजनीति में छिंदवाड़ा के दूसरे सबसे बड़े सितारे बनकर उभरने लगे। कमलनाथ ने दीपक सक्सेना को 1984 में जिले में कांग्रेस का सबसे बड़ा नाम लाला सुंदरलाल जायसवाल को हटाकर जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष बनाया। जहां लगभग 20 साल तक दीपक सक्सेना लगातार अध्यक्ष बने रहे।

साल 1990 से लगातार कमलनाथ ने दीपक सक्सेना को 2018 तक छिंदवाड़ा विधानसभा की टिकट दी। सात बार चुनाव लड़े दीपक सक्सेना चार बार 1993, 1998, 2008 और 2018 में छिंदवाड़ा से विधायक चुने गए। हालांकि 2018 में दीपक सक्सेना ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी। लेकिन अपने चार बार के विधायकी के कार्यकाल में दीपक सक्सेना दो बार पीएचई मंत्री बनाए गए और कैबिनेट मंत्री बने। इतना ही नहीं अपेक्स बैंक के डायरेक्टर के रूप में दीपक सक्सेना ने आठ देशों की यात्रा भी की। यह सभी उपलब्धियां दीपक सक्सेना को कमलनाथ के साथ रहने के कारण मिली। 2018 में मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए विधायकी छोड़ने से पहले दीपक सक्सेना को प्रोटेम स्पीकर भी बनाया गया।

 

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH