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म्यांमार: डेथ रेलवे संग्रहालय में द्वितीय विश्वयुद्ध की जानकारियां

नेपेडा | म्यांमार के कायिन में द्वितीय विश्व युद्ध के ‘डेथ रेलवे’ स्थल पर निर्मित डेथ रेलवे संग्रहालय के जरिए लोगों को इस त्रासदी के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। गौरतलब है कि 1.62 हेक्टेयर क्षेत्र में बना यह संग्रहालय सोमवार को देश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आम लोगों के लिए खोल दिया गया। इस संग्रहालय के जरिए डेथ रेलवे के निर्माण के दौरान मारे गए युद्धबंदियों के जीवन का चित्रण है।

म्यांमार के थानबायूजायत में डेथ रेलवे स्थित है, जिसका निर्माण 1943 में जापान के आक्रमण के दौरान किया गया था। थानबायूजायत वह स्थल है, जहां डेथ रेलवे के निर्माण में मारे गए हजारों युद्धबंदियों की कब्रे हैं। दूसरे विश्व युद्ध के समय जापानी सेना ने म्यांमार के थानबायूजायत से थाईलैंड के कंचनबरी तक रेलवे नेटवर्क के निर्माण के समय दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के 120,00 मजदूरों और युद्धबंदियों को जबरन निर्माण कार्य में धकेला था। इस रेलवे के निर्माण के समय 16,000 से अधिक बंदियों की मौत हो गई थी।

इस संग्रहालय के उद्घाटन के दौरान 95 वर्षीय जापानी सैनिक मिकीयो किनोशीता अपने परिवार के साथ मौजूद थे। उस समय मिकीयो की उम्र 24 वर्ष की थी और वह द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रेलवे निर्माण के समय डयूटी पर तैनात थे। उन्होंने इस संग्रहालय के उद्घाटन पर खुशी जताई। संग्रहालय में डेथ रेलवे से संबंधित ऐतिहासिक तस्वीरें, पेंटिंग, मूर्तियां और 3डी तस्वीरें प्रदर्शित होंगी। प्रदर्शनी में कोयले से चलने वाला सी-0522 इंजन भी रखा जाएगा। इस इंजन का इस्तेमाल डेथ रेलवे में किया गया था।

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