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सड़क सुरक्षा संकेत पहचानने में पुरुषों से आगे हैं महिलाएं

dopahiya vahan

नई दिल्ली| देश को दोपहिया वाहनों को चलाने वालों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या काफी कम है, लेकिन एक ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक सड़क सुरक्षा संकेतों को पहचानने के मामले में महिला चालक पुरुष चालकों से आगे हैं। अग्रणी दोपहिया वाहन निर्माता होंडा मोटरसाइकिल द्वारा देश में दोपहिया चालकों में यातायात संकेत साक्षरता को लेकर किए गए सर्वे में खुलासा हुआ है कि 26 प्रतिशत महिलाओं ने 50 फीसदी सड़क संकेतों को पहचाना, जबकि पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा 21 प्रतिशत (पुरुषों के बहुसंख्य सवार होने के बावजूद) रहा।

सर्वेक्षण के अनुसार, 80 फीसदी दोपहिया चालक 50 फीसदी यातायात संकेतों को नहीं पहचान पाए। संकेत पहचानने के मामले मुंबई सबसे अधिक जागरूक शहर रहा, जहां के 79 प्रतिशत दोपहिया सवारों ने 50 फीसदी सड़क सुरक्षा संकेतों को बिल्कुल सही पहचाना। इस मामले में पुणे (63 प्रतिशत) दूसरे और बेंगलुरू (41 प्रतिशत) तीसरे स्थान पर रहा।

होंडा के ‘होंडा रोड साइन आईक्यू सर्वे’ का उद्घाटन राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान 10 प्रमुख भारतीय शहरों में लगभग 1,500 दोपहिया चालकों की भागीदारी के साथ किया गया। विभिन्न आयु वर्ग के बीच, 20 से 24 वर्ष के युवा राष्ट्रीय सड़क संकेतों के प्रति सबसे अधिक (31 प्रतिशत) जागरूक पाए गए, जबकि 25 से 44 आयु वर्ग के महज 18 प्रतिशत प्रतिभागी ही आधे सड़क संकेतों को पहचानने में सफल रहे। दिलचस्प है कि 45 वर्ष से अधिक आयु के 30 प्रतिशत प्रतिभागी आधे सड़क संकेतों को पहचान सके।

सर्वेक्षण में 16 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे जुर्माने से बचने के लिए हेलमेट पहनते हैं, वहीं 16 प्रतिशत अन्य लोगों ने कहा कि वे पारिवारिक दबाव के कारण हेलमेट पहनते हैं। 55 प्रतिशत सवारों ने स्वीकार किया कि पीछे बैठने पर वे हेलमेट नहीं पहनते।

सर्वेक्षण में शामिल 51 प्रतिशत सवारों ने कहा कि 2016 में उन्होंने न तो जुर्माना भरा और न ही लाल बत्ती को पार किया। लेकिन जोखिमपूर्ण सवारी अभी भी जारी है क्योंकि 30 प्रतिशत सवारों ने कहा कि वे सप्ताह में 1-2 बार लाल बत्ती पार कर जाते हैं।

सर्वेक्षण के खुलासों और सड़क सुरक्षा को प्रोत्साहित करने की दिशा में होंडा के प्रयासों के बारे में बताते हुए होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्रा. लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) यादविंदर सिंह गुलेरिया ने कहा, “देश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण सबसे अधिक मृत्यु (31.5 प्रतिशत) दोपहिया वाहनों के मामले में होती है। भारतीय सड़कों पर प्रत्येक दो सेकेंड में एक नया दोपहिया वाहन उतर रहा है और ऐसे में जागरूकता बहुत जरूरी है। होंडा के 11 यातायात पार्को में अब तक 10 लाख से अधिक लोगों को शिक्षित किया जा चुका है, इनमें 38 प्रतिशत बच्चे हैं।”

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Dileep Kumar
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