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पटना पुस्तक मेला : युवाओं ने जाना ‘मंजिल चलकर आएगी कैसे’

PATNA-PUSTAK-MELA

पटना| बिहार की राजधानी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में चल रहे 11 दिवसीय पटना पुस्तक मेले में शनिवार को आठवें दिन ‘मोटिवेशन-शो’ का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने जाना कि ‘मंजिल चलकर आएगी कैसे’। साथ ही कथाकार शेखर और मुकुल कुमार की पुस्तक ‘एज ब्वॉयज बिकम मैन’ का लोकार्पण किया गया। सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित 23वें पटना पुस्तक मेले में ‘मोटिवेशन-शो’ के दौरान युवाओं को बताया गया कि मंजिल चलकर कैसे आएगी। इस मौके पर लक्ष्य को पाने के लिए ‘सक्सेस के साइंस’ पर भी चर्चा हुई।

16 वर्षो के रिसर्च के बाद मोटिवेशन के नए थीम ‘मंजिल चलकर आएगी कैसे’ का आयोजन पहली बार पटना पुस्तक मेले में किया गया। उभरते मोटिवेटर नयन कुमार ने इस मौके पर युवाओं को संगीत के जरिए मस्तिष्क को शांत रखने के गुर सिखाए और इसे अपनाने का संकल्प दिलाया।

बिहार दूरदर्शन की सहायक निदेशक रत्ना पुरकायस्थ ने युवाओं को छोटे-छोटे कई लक्ष्य तैयार करने के गुर सिखाए और कहा कि पहले लक्ष्य तय करो और फिर उसे पाने की जिद करो।

मेले के मुख्य मंच ‘भोजपुरी मुक्ताकश मंच’ पर कथाकार शेखर की कहानी संग्रह ‘खूंटे से बंधा आदमी’ का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर शेखर ने बताया कि इस पुस्तक में आम आदमी की पीड़ा और संवदेना का परिचय मिलता है।

कथाकार ऋषिकेश शुक्ला ने कहा, “लेखक अक्सर मानवीय संवेदनाओं को भूलकर दुरभिसंधियों का जिक्र करता है।”

इधर, प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मुकुल कुमर की पुस्तक ‘एज ब्वॉयज बिकम मैन’ का लोकार्पण पूर्व पुलिस महानिदेशक अभयानंद, पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अधिकारी ए़ क़े रजक और लेखक व पत्रकार गिरींद्र नाथ झा ने किया।

पुलिस अधिकारी रहे अभयानंद ने कहा कि अपने लिखने के शौक को पूरा करते रहना चाहिए, नहीं तो ‘सेंस ऑफ वैक्यूम’ की वजह से मरने की नौबत आ जाएगी।

इस मौके पर रजक ने कहा कि इस पुस्तक में बिहारी छात्रों की कहानी है, जो अपनी-अपनी महत्वकांक्षा के साथ जीने की कोशिश करते हैं।

लेखक ने छात्रों और नौकरीपेशा लोगों से कहा कि अगर आपको लिखने का शौक है, तो इसे कभी नहीं छोड़ें।

पटना पुस्तक मेले में ‘अंग्रेजी साहित्य की जमीं’ विषय पर परिचर्चा के दौरान वक्ताओं ने लेखकों की आवाज दबाने की बात करते हुए चिंता जाहिर की।

परिचर्चा में भाग लेते हुए लेखक आशुतोष कुमार ने अंग्रेजी के लेखक चेतन भगत को अंग्रेजी साहित्य का खलनायक बताते हुए अंग्रेजी लेखकों से शेक्सपीयर, ऑस्कर वाइल्ड बनने की अपील की।

वहीं, लेखक तुहीन सिन्हा ने इस बात से इनकार किया कि चेतन भगत ने अंग्रेजी साहित्य के मापदंड को गिराया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 के बाद प्रकाशन उद्योग ने नई ऊंचाइयां पाई हैं।

मेले में स्कूली बच्चों के लिए शनिवार को चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में बच्चों ने क्रेयोन, वाटर कलर और पोस्टर कलर का प्रयेाग कर चित्र बनाए।

उल्लेखनीय है कि यह मेला चार फरवरी से चल रहा है। 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के मौके पर इस मेले का समापन हो जाएगा।

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Dileep Kumar
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