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संसद का बजट सत्र ‘सुनहरा’ रहा : केंद्र 

 

नई दिल्ली| बजट सत्र की समाप्ति के साथ ही बुधवार को संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष व राज्यसभा सभापति ने बजट सत्र के विधायी कामकाज पर संतुष्टि जताई। सरकार ने देश के विधायी इतिहास में इस सत्र को अब तक का सबसे फलदायक तथा सुनहरा सत्र करार दिया। बजट 2017-18, विनियोग विधेयक तथा वित्त विधेयक के अलावा, संसद ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक भी पारित किया, जिसका मकसद पूरे देश में एक समान कर व्यवस्था लागू करना है।

बजट सत्र के दौरान लगभग 176 घंटे के काम के बाद बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस सत्र में कुल 24 विधेयक पेश किए गए, जिनमें से लोकसभा द्वारा 23 विधेयकों को पारित कर दिया गया, जबकि राज्यसभा में 14 विधेयक पारित किए गए। संसद के दोनों सदनों द्वारा कुल 18 विधेयक पारित किए गए।

भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई। यह नौ फरवरी तक चला। 27 दिन के बाद नौ मार्च को सत्र फिर से शुरू हुआ। कुल मिलाकर, इस सत्र के दौरान प्रत्येक सदन में 29 बैठकें हुईं।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा, “यह बजट सत्र बेहद फलदायक रहा। भारतीय विधायी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार के सभी वित्तीय कार्य अगले वित्त वर्ष शुरू होने से पहले ही खत्म हो गए, वह भी सामान्य चर्चा तथा स्थायी समितियों की जांच की उचित प्रक्रिया के साथ।” उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2017-18 एक अप्रैल से ही प्रभाव में आ चुका है, जो ‘अप्रत्याशित’ है।

वित्त विधेयक को लेकर राज्यसभा में हंगामा हुआ। विपक्ष ने केंद्र पर कानूनों के संशोधन के लिए ऊपरी सदन को नजरअंदाज करते हुए धन विधेयक के मार्ग के दुरुपयोग का आरोप लगाया। विपक्ष ने वित्त विधेयक पर कुछ सिफारिशें की थीं, जिसे लोकसभा ने खारिज कर दिया। सत्र में लोकसभा की उत्पादकता 113 फीसदी, जबकि राज्यसभा की उत्पादकता 92 फीसदी रही।

इस दौरान व्यवधानों के कारण लोकसभा में लगभग 8 घंटे बर्बाद हुए, जबकि राज्यसभा के 18 घंटे बर्बाद हुए। निम्न सदन ने अतिरिक्त 19 घंटे काम किए, जबकि ऊपरी सदन ने सात घंटे अतिरिक्त काम किए।

दोनों सदनों द्वारा पारित कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों में वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित चार विधेयक, मजदूरी भुगतान (संशोधन) विधेयक, मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल विधेयक और कर्मचारी मुआवजा (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।

राज्यसभा से विवादास्पद शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं मान्यीकरण) विधेयक पारित हो गया। सदन में जब इस विधेयक को पेश किया गया तब विपक्ष के अधिकांश सदस्य सदन से गैरहाजिर थे, जबकि बाकी बचे विपक्षी सदस्य इस विधेयक के विरोध में सदन से बहिर्गमन कर गए। सरकार ने यह विधेयक शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया था, जिस दिन राज्यसभा में अमूमन सदस्यों की उपस्थिति काफी कम होती है।

संसदीय कार्य मंत्री ने विधायी कार्यो को निपटाने में विपक्ष के सहयोग की प्रशंसा की, लेकिन उन्होंने कांग्रेस पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मंजूरी देने को लेकर पेश विधेयक को रोकने का आरोप लगाया।

सत्र समापन भाषण में राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए सदस्यों खासकर अंतिम दो कतारों सदस्यों के उत्साह की प्रशंसा की। अंसारी ने कहा, “अंतिम दो बेंच के सदस्यों की भागीदारी उल्लेखनीय रही। उन्होंने शून्यकाल के दौरान 205 में से 86 प्रश्न उठाए, जो कि करीब 42 प्रतिशत है।”

अंसारी ने कहा, “सदस्यों द्वारा शून्य काल में उठाए गए 205 प्रश्नों और 76 विशेष उल्लेखों, 435 तारांकित प्रश्नों और 535 से भी अधिक पूरक प्रश्नों और 4,629 अतारांकित प्रश्नों से सार्वजनिक महत्व के मामलों को उठाने के प्रति उनका उत्साह नजर आता है।”

इस सत्र को ‘उपयोगी और फलदायक’ करार देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि इस बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 24 विधेयक पेश किए गए और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सहित 23 विधेयक पारित किए गए।

इस सत्र को ऐतिहासिक करार देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने आशा जताई कि सभी सदस्य देश सेवा के लिए इसी तरह आगे भी काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा, “बजट, कर या खर्च से संबंधित सभी प्रक्रियाएं इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने से पहले ही निबटा ली गईं। इससे सरकारी विभागों को लोक कल्याण कार्यो पर खर्च करने का मौका दिया।”

बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव सात मार्च को पारित हुआ था। इस पर 10 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई।

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Dileep Kumar
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