लखनऊ। रूस दौरे के दौरान व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच कई समझौते हुए जिसमें सबसे खास रहा रूस का भारत को डिफेंस सिस्टम देना।
पाकिस्तान और चीन से निपटने के लिए भारत एस-400 त्रिउंफ का इस्तेमाल कर उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। यह एक विमान भेदी डिफेंड सिस्टम है जो 36 मिसाइलों को ध्वस्त कर सकता है।
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इससे साथ ही रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने इस बात का भी ऐलान किया कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति को लेकर प्रीकान्ट्रैक्ट तैयारियां जारी हैं।
उन्होंने बताया कि तैयारियां पूरी होने में अभी कितना समय लगना है, यह अभी साफ तौर पर नहीं कहा जा कता है।फिलहाल दोनों सरकारों के बीच यह एक सामान्य समझौता जिसपर दोनों देशों की चर्चा जारी है। अभीतक रूस के अलावा यह प्रलयकारी मिसाइल प्रणाली चीन के पास भी है।
पिछले साल भारत ने 15 अक्तूबर को रूस के साथ इस प्रणाली को लेकर एक समझौते की घोषणा की थी जिसकी कीमत पांच अरब डॉलर से ज्यादा बताई जा रही है।
इसके साथ ही देश ने चार युद्धपोत निर्माण में सहयोग और कॉमकोव हेलीकाप्टर के लिए एक संयुक्त निर्माण इकाई स्थापित करने की भी घोषणा
की थी।
क्या है इस डिफेंस सिस्टम की खासियत
एस-400 त्रिउंफ रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है। यह प्रणाली साल 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी। आप को बता दें कि इन मिसाइलों से विमान, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी ठिकानों को भी आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। ये मिसाइलें 400 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं।