Health

पेट की चर्बी आएगी काम, आर्थराइटिस के इलाज में होगा इस्तेमाल

पेट की चर्बी, आर्थराइटिस, गठिया रोग, इंटरनेशनल कार्टिलेज रिपेयर सोसायटी, हार्ले स्ट्रीट लंदन

शोध में साफ हआ कि पेट की चर्बी आर्थराइटिस के इलाज में कारगर है

लखनऊ। आर्थराइटिस से आज हर दूसरा व्यक्ति परेशान है, ज्यादातर महिलाऐं। वहीं पेट की चर्बी भी लोगोंके लिए मुसीबत बन चुकी है लेकिन शोधकर्ताओं ने इन दोनों समस्याओं का निवारण एक दूसरे को बताया है।पेट की चर्बी, आर्थराइटिस, गठिया रोग, इंटरनेशनल कार्टिलेज रिपेयर सोसायटी, हार्ले स्ट्रीट लंदनशोधकर्ताओं के मुताबिक पेट में मौजूद फैट कोशिकाएं अब घुटने का दर्द दूर करने में सहायक होंगी। इंटरनेशनल कार्टिलेज रिपेयर सोसायटी में शोधकर्ताओं ने आर्थराइटिस (गठिया) के इलाज का यह नया तरीका पेश किया है।

पोलैंड की शोधकर्ता कोनार्ड स्लेनारस्की ने कहा, ”पेट में मौजूद फैट की कोशिकाओं को घुटने के जोड़ों के बीच प्रत्यारोपित करने से दर्द धीरे-धीरे ठीक होता है। इससे मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। इस शोध का परीक्षण 20 मरीजों पर कारगर साबित हुआ है। उन्हें दोबारा किसी दवा या व्यायाम की जरूरत नहीं पड़ी।

हार्ले स्ट्रीट लंदन में ऑर्थोपेडिक सर्जन आद्रीयान विल्सनके मुताबिक पेट की कोशिकाएं जोड़ों के बीच की हड्डियों (कार्टिलेज) को मजबूत बनाती हैं। कोशिकाओं में 100 फीसदी अधिक तेजी से सुधार होता है।

आर्थराइटिस के इलाज का यह तरीका काफी सस्ता भी है। कोशिकाओं के प्रत्यारोपण में सिर्फ एक दिन लगता है और मरीज को अस्पताल से उसी दिन छुट्टी भी मिल जाती है।

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Sudha Pal
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