नई दिल्ली। तीन तलाक की वैधानिकता पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला साफ कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर ने अपना फैसला सुनाया। इसके तहत तलाक—ए—बिद्दत संविधान की धारा 14,15,21 और 25 का उल्लंघन नहीं है। फिलहाल तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में दखल देने से मना कर दिया है।खेहर ने कहा कि इस पर संसद कानून बनाए। याचिकाकर्ता शायरा बानो ने कहा कि लगता है आज सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में फैसला सुनाएगी। ऐसा नहीं है कि इस मामले में कोर्ट महिलाओं के खिलाफ है। वो भी चाहती हैं कि इस मसले पर महिलाओं के साथ कुछ भी गलत न हो। इसलिए वो तीन तलाक पर महिलाओं को अधिकार देना चाहती हैं।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) भी तीन तलाक को ‘भयावह’, ‘गुनाह’ और ‘अवांछनीय’ करार दिया है। कुरान और शरिया में भी इसकी इजाजत नहीं दी गई है। दुनिया के कई मुस्लिम देश ऐसे हैं जहां तीन तलाक गैर कानूनी है।