Science & Tech.

अखबार के लिए सुबह नहीं करना पड़ेगा इंतजार, ड्रोन देगा ये सेवा

अखबार के लिए सुबह नहीं करना पड़ेगा इंतजार, ड्रोन देगा ये सेवा अखबार , ड्रोन , बंगलुरु , क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, तकनीक, रोहित डे, नयन बंगलुरु। बंगलुरु के क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के B.sc के छात्र ने तकनीक की दुनिया में एक और कारनामा जोड़ दिया। विदेशों के छात्र इस तरह के काम को बिना ट्रेनिंग के करने की सोच भी नहीं सकते। इस छात्र ने एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है जिससे अब आप अपने अखबार के लिए अखबारवाले पर निर्भर नहीं रहेंगे। दरअसल रोहित डे नाम के लड़के ने बिना ट्रेनिंग लिए एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जिससे लोगों के घरों तक अखबार डिलीवर हो सकेगा। इस ड्रोन का नाम रोहित ने ‘नयन’ रखा है। इसका वजन 5.6 किलोग्राम है और लगभग 30 मिनट तक इससे काम किया जा सकता है। इससे पहले भी रोहित ने पिछले वर्षों में कई ड्रोन बनाए, जिसका इस्तेमाल सर्विलांस, एरियल फोटोग्राफी और फसल मॉनिटरिंग का काम कर सकते है। रोहित का ड्रोन ‘नयन’ इन्वर्टेड रोटर कान्सेप्ट के आधार पर काम करता है औऱ इसे स्मार्टफोन से कंट्रोल किया जा .सकता है। इससे पहले रोहित अपने बनाए गए ड्रोन से संतुष्ट नहीं थे। लेकिन अब रोहित का मानना है कि ‘नयन’ अच्छी तरह से काम कर सकता है।

बंगलुरु। बंगलुरु के क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के B.sc के छात्र ने तकनीक की दुनिया में एक और कारनामा जोड़ दिया। विदेशों के छात्र इस तरह के काम को बिना ट्रेनिंग के करने की सोच भी नहीं सकते। इस छात्र ने एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है जिससे अब आप अपने अखबार के लिए अखबारवाले पर निर्भर नहीं रहेंगे।

दरअसल रोहित डे नाम के लड़के ने बिना ट्रेनिंग लिए एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जिससे लोगों के घरों तक अखबार डिलीवर हो सकेगा। इस ड्रोन का नाम रोहित ने ‘नयन’ रखा है।

इसका वजन 5.6 किलोग्राम है और लगभग 30 मिनट तक इससे काम किया जा सकता है। इससे पहले भी रोहित ने पिछले वर्षों में कई ड्रोन बनाए, जिसका इस्तेमाल सर्विलांस, एरियल फोटोग्राफी और फसल मॉनिटरिंग का काम कर सकते है।

रोहित का ड्रोन ‘नयन’ इन्वर्टेड रोटर कान्सेप्ट के आधार पर काम करता है औऱ इसे स्मार्टफोन से कंट्रोल किया जा सकता है। इससे पहले रोहित अपने बनाए गए ड्रोन से संतुष्ट नहीं थे। लेकिन अब रोहित का मानना है कि ‘नयन’ अच्छी तरह से काम कर सकता है।

=>
=>
loading...
Sudha Pal
the authorSudha Pal