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जानिए सोलह साल की उम्र को क्यों कहा जाता है ‘बाली उम्र’?

बाली उम्र – हम सबने अपनी जिंदगी में 16वां बसंत जिया है।

उम्र के इस पड़ाव पर हमारी जिंदगी में कई तरह के बदलाव आते हैं। अलग ऐहसास होता है और सब कुछ नया-नया सा लगता है। हमें लगता है कि हम कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन कई दौरान कई लोग हमें टोकते भी हैं और कहते हैं कि इस बाली उम्र में कहीं गलत रास्ते पर मत चल पड़ना, या फिर 16 साल की उम्र कच्ची और बाली होती है बिगड़ मत जाना।

लेकिन हम उनकी बातों को नजर अंदाज कर देते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि 16 साल की उम्र को बाली उम्र क्यों कहा जाता है।

आखिर क्या है बाली उम्र के पीछे का कारण। आइए जानते हैं।

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सब कुछ नया-नया लगता है:

इस उम्र में बच्चे बेहद ही अलग दौर से गुजरते हैं और उनको सब कुछ नया-नया सा लगता है। उन्हें लगता है कि दुनिया में ऐसा कोई भी काम नहीं है जिसे वो कर नहीं सकते। दावा ये भी किया जाता है कि इस उम्र में सबसे ज्यादा एनर्जी रहती है और हर बच्चा एनर्जी से भरपूर रहता है। उम्र के इस पड़ाव पर वो दुनिया को दूसरी नजर से देखता है।

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बनने या फिर बिगड़ने की होती है शुरुआत:

अक्सर 16 साल का होने पर बच्चों पर दबाव काफी बढ़ जाता है। फिर चाहे वो घर पर माता-पिता का हो या फिर स्कूल में टीचर्स का। हर समय बच्चों को टोका और समझाया जाता है। उन्हें बताया जाता है कि क्या करना है और क्या नहीं। हालांकि इससे कई बच्चे चिढ़ भी जाते हैं और वो पलटकर जवाब भी देने लगते हैं। लेनिक दावा किया जाता है कि एक बच्चे का भविष्य इसी उम्र से तय होता है। इसी उम्र से पता लगने लगता है कि बच्चे का भविष्य कैसा होगा।

क्या वो आगे चलकर अच्छा नाम करेगा या फिर गलत रास्ते पर चलेगा। इसी डर की वजह से बच्चों को लगातार टोका जाता है।

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हालांकि 16 साल का होने पर बच्चों की कई गलतियों को ये कहकर भी माफ कर दिया जाता है कि बाली उम्र है और इस बाली उम्र में बच्चों से अक्सर गलतियां हो जाती हैं। लेकिन किसी को भी ये नही  भूलना चाहिए कि वीर अभिमन्यू ने इसी बाली उम्र में महाभारत में चक्रव्यूह भेद डाला था। जिसे भेदने में बड़े से बड़ा शूरवीर कतरा रहे थे। ऐसे में हर उस बच्चे को (जो 16 साल का है) ये जरूर सोचना चाहिए कि वो अब किसी भी काम को कर सकता है।

हालांकि इस उम्र में बच्चों को मस्ती करना भी बहुत अच्छा लगता है लेकिन उन्हें अपने बेहतर भविष्य की तरफ भी ध्यान लगाए रहना चाहिए।

 
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