लखनऊ | सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के लिए 20.44 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति मात्र एक हजार रुपये मूल्य की कर दी है। डॉ. नूतन ठाकुर ने मंगलवार को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष यह दावा किया है कि मुस्लिम समुदाय को अपनी आबादी के हिसाब से सरकारी योजनाओं का अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है। इसलिए सरकार ने मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए अल्पसंख्यक विभाग के ‘मौलाना जौहर अली शोध संस्थान’ रामपुर की जमीन और भवन को एक निजी संस्था ‘मौलाना जौहर अली ट्रस्ट’ को लीज पर दे दिया है।
डॉ. नूतन ठाकुर ने प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खां द्वारा बिना किसी नियम, शर्त और प्रक्रिया के अपने ही ट्रस्ट को सरकार की बेशकीमती भूमि और भवन लीज पर देने के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है। इसी पीआईएल में अल्पसंख्यक कल्याण सचिव एस.पी. सिंह द्वारा दिए हलफनामे में यह जानकारी दी गई है।
नूतन ठाकुर के अनुसार, सरकार ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की घोषणा पर 1.4 लाख वर्ग फीट और 20.44 करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी संपत्ति को 1000 रुपये के सांकेतिक मूल्य का मान कर 100 रुपये के वार्षिक किराये पर 33 साल की लीज पर दे दिया गया है जो 2 बार 33-33 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। सरकार ने कारण बताया है कि चूंकि सरकारी शोध संस्थान में काम नहीं हो रहा था और आजम खां के ट्रस्ट के भी वही उद्देश्य थे, इसलिए यह संस्थान आजम के ट्रस्ट को चलाने के लिए दे दिया गया।