नई दिल्ली। गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में तत्कालिक मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य अधिकारियों को एसआईटी की ओर से क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर दिवंगत सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने जाकिया जाफरी और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के गैर सरकारी संगठन ‘सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस’ की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की। याचिका में साल 2002 के दंगों के पीछे बड़ी आपराधिक साजिश होने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से नरेंद्र मोदी सहित 56 लोगों को क्लीन चिट दिए जाने को सही ठहराने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।
ये है पूरा मामला
साल 2013 के दिसम्बर महीने में गुजरात दंगों के मामले में अहमदाबाद कोर्ट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिल गई थी। साल 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे जिनमें करीब एक हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। दंगों के वक्त मोदी मुख्यमंत्री थे। इस हमले में ही कांग्रेस नेता अहसान जाफरी की मौत हो गई थी।
मामले में गुलबर्ग सोसायटी में 29 लोगो के शव गुलबर्ग सोसायटी से बरामद हुए थे जबकि 30 लापता थे सात साल बाद उन्हें भी मृत घोषित कर दिया गया था। इस तरह से गुलबर्ग में कुल 59 लोंगो की मौत हुई थी जिसमे सांसद अहसान जाफरी भी शामिल थे।