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अब 20वीं सदी की तकनीक से होगी इंटरनेट की सुरक्षा

internetन्यूयॉर्क | अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने एक नवीन तकनीक के निर्माण में 20वीं सदी की तकनीक की प्रेरणा ली है।20वीं सदी की तकनीक की सहायता से एक बेहतरीन प्रौद्योगिकी का निर्माण किया गया है, जो इंटरनेट सुरक्षा में मदद कर सकता है। अध्ययन दर्शाता है कि कैसे प्रकाश के क्वांटम के दोहन से संचरित प्रौद्योगिकी का निर्माण किया जा सकता है, जो निगरानी और सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह मजबूत है।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जेलेना वकोविक वर्षो से इन विभिन्न नैनोस्केल तकनीकों के विकास का कार्य कर रहे हैं, जिसकी सहायता से पारंपरिक कंप्यूटर अधिक तेज और बिजली के बजाय प्रकाश के इस्तेमाल से कार्य कर पाएं।

उन्होंने और उनके शोध दल ने साबित किया है कि संशोधित नैनोस्केल लेजर के इस्तेमाल से कुशलता के साथ क्वांटम संचरण के लिए क्वांटम प्रकाश को उत्पन्न किया जा सकता है। वकोविक ने बताया, “समस्या यह है कि क्वांटम प्रकाश संशोधित लेजर से उत्पन्न होने वाले अतिरिक्त प्रकाश की तुलना में कमजोर है। इसलिए हमने एक तरीका अपनाया है, जो अनावश्यक प्रकाश का निस्पंदन (अलग) कर क्वांटम संकेतों को पढ़ने की योग्यता उपलब्ध कराएगा। ”

यह निस्पंदन कार्य न्वाइस कैंसेलिंग हेडफोन को चलाने वाले तरीके के समान ही है। इस शोध दल ने साल 1930 में अनावश्यक क्लासिकल लाइट को हटाने वाली रेडियो इंजीनियरिंग से प्रेरणा ली थी। वकोविक ने बताया, “यह बेहतरीन खोज है, जिससे हमें क्वांटम कम्युनिकेशन को सुरक्षित रखने के लिए व्यावहारिक रास्ता मिलेगा।” यह शोध पत्रिका ‘नेचर फोटोनिक्स’ में प्रकाशित हुआ है।

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