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यूपी में ट्रेन बन रहीं मौत की सवारी,जानें-कब कितनी मौते हुई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रेल हादसों का दौर जारी है। यूपी में शुक्रवार को वास्को-डी-गामा एक्सप्रेस के बेपटरी होने से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 13 घायल हो गए। पटना जा रही इस रेलगाड़ी के 13 डिब्बे शुक्रवार तडक़े 4.18 बजे चित्रकूट जिले के मानिकपुर स्टेशन पर पटरी से उतर गए। यह पहला मौका नहीं है कि इस तरह का हादस सूबे में हुआ है। इससे पूर्व भी कई हादसे उत्तर प्रदेश में देखने को मिल चुके हैं। इस साल यूपी में तीन रेल हादसे हो चुके हैं।
23 अगस्त 2017 को कानपुर और इटावा के बीच औरैया जिले में एक और रेल हादसा देखने को मिल चुका है। कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ज्ञात हो कि मानव रहित फाटक पर देर रात ट्रेन एक डंपर से टकरा गया था, जिसके बाद 10 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इतना ही नहीं इस हादसे में 21 लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए थे।


इससे पूर्व 19 अगस्त 2017 को मुजफ्फरनगर के खतौली में 18477 पुरी-उत्कल एक्सप्रेस का हादसा इतना खतरनाक था कि इसमें 23 लोगों की अपनी जान गवानी पड़ी थी। इस हादसे में 150 लोगों को गम्भीर चोट भी आई थी। दरअसल हादसे में पटरी से उतरे 13 कोच एक-दूसरे पर जा चढ़ गए थे।
30 मार्च 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतरी थी। इस हादसे में 50 से ज्यादा लोगों को भारी चोट आई थी।
15 अप्रैल 2017 को मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे रामपुर के पास पटरी से उतरे। इस हादसे में भी 10 लोग घायल हुए थे।
अगर साल 2016 की बात की जाये तो यूपी में रेल हादसा इस साल भी खूब देखने को मिला था। इस सला बेहद खतरनाक हादसा सामने आया था क्योंकि रेल बन गई मौत की रेल।
20 नवंबर 2016 को कानपुर देहात के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई। यह इतनी बुरी साबित हुई कि इसमें 150 लोगों को अपनी जिदंगी गवानी पड़ी थी। हालांकि अब भी इस हादसे की असली वजह सामने नहीं आ सकी है और जांच जारी है।
28 दिसबंर 2016 को सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। हादसे में सौ से ज्यादा यात्री चोटे आई थी। 20 मार्च 2015 को रायबरेली के बछरांवा के पास जनता एक्सप्रेस (14266) के कई डिब्बे पटरी से उतरे और 32 लोगों की मौके पर मौत हो गई, हादसे में 150 से अधिक लोग घायल हुए थे।
26 मई 2014 को उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मार दी थी। इस हादसे में करीब 24 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। कुल मिलाकर रेलवे अब भी इस तरह के हादसों को रोकने में सफल नहीं हो पारी, सरकार को इस बारे में सोचना होगा ताकि हादसे टाले जा सके।

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Ragini Pandey
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