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पृथ्वी मिसाइल-2, परीक्षण सफल

In this hand out photograph from the Indian Ministry of Defence taken on May 23, 2008 the Prithvi surface to surface missile is launched during a test at Chandipur in the Indian state of Orissa. India's military on May 23 conducted a successful test of a short-range nuclear-capable ballistic missile, defence sources said. The test of Prithvi (Earth) was carried out from India's Integrated Testing Range at Chandipur-on-sea, some 200 kilometres(125 miles) northeast of Orissa’s state capital Bhubaneswar. AFP PHOTO/MINISTRY OF DEFENCE HANDOUT - RESTRICTED TO EDITORIAL USE -

In this hand out photograph from the Indian Ministry of Defence taken on May 23, 2008 the Prithvi surface to surface missile is launched during a test at Chandipur in the Indian state of Orissa.  India's military on May 23 conducted a successful test of a short-range nuclear-capable ballistic missile, defence sources said.  The test of Prithvi (Earth) was carried out from India's Integrated Testing Range at Chandipur-on-sea, some 200 kilometres(125 miles) northeast of Orissa’s state capital Bhubaneswar.   AFP PHOTO/MINISTRY OF DEFENCE HANDOUT  - RESTRICTED TO EDITORIAL USE -

भुवनेश्वर | भारत ने स्वदेश विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल का मंगलवार को ओडिशा के एक परीक्षण केंद्र में सफल परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों के मुताबिक यह मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम तक आयुध ले जा सकती है। इसका परीक्षण सेना ने बालासोर जिले के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण केंद्र से एक मोबाइल लॉन्चर की मदद से किया गया।

सेना के स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) ने नियमित परीक्षण अभ्यास के तहत यह परीक्षण किया। 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल दो तरल प्रणोदन इंजनों से संचालित होती है। यह अपने लक्ष्य को भेदने की दिशा में तेजी से बढ़ते हुए आधुनिक दिशा निर्देशन प्रणाली का इस्तेमाल करती है। सूत्रों ने कहा कि इस मिसाइल की उड़ान अवधि 483 सेकेंड है और यह अधिकतम 43.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है।

सूत्रों ने कहा कि परीक्षण के लिए मिसाइलों के जखीरे में एक एक मिसाइल का चयन कर उसका परीक्षण किया गया। परीक्षण की पूरी तैयारी एसएफसी ने की तथा इसकी निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा किया गया। पृथ्वी मिसाइल को सशस्त्र सेना में साल 2003 में शामिल किया गया था।इस मिसाइल का अंतिम सफल परीक्षण बीते साल 26 नवंबर को ओडिशा के इसी परीक्षण केंद्र से किया गया था।

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