Health

डायबिटीज, हाईपरटेंशन, ब्लड शूगर हो कर्न्ट्रोल तो नही होगा गुर्दारोग

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नई दिल्ली। डायबिटीज और हाईपरटेंशन दो ऐसी समस्याएं हैं जो क्रॉनिक किडनी रोग के प्रमुख कारण हैं, किडनी रोग के लक्षण नजर नहीं आते और अचानक कभी ब्लड या यूरीन टेस्ट करवाने से इसका पता चलता है। हम अपनी किडनियों को बचा सकते हैं, अगर अपना निम्नतम ब्लड प्रेशर और भूखे पेट ब्लड शूगर 80 पर बनाए रखें। वजन संतुलित रखें। हर साल किडनी की जांच करवाएं और डॉक्टर से ईजीएफआर टेस्ट के लिए कहें, किडनी के नुकसान की जांच जल्दी से जल्दी करवाएं।

इस बारे में आईएमए के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि क्रॉनिक किडनी रोग एक मूक मारक है, जो एक आम व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को नष्ट कर देता है। इसलिए जरूरी है कि क्रॉनिक किडनी रोग की जांच जल्दी हो जाए ताकि इसका इलाज हो सके उन्होंने यह भी कहा कि किडनी रोग के लक्षण नजर नहीं आते और अचानक कभी ब्लड या यूरीन टेस्ट करवाने से इसका पता चलता है। देश में क्रॉनिक किडनी रोग या सीकेडी बढ़ रहा है और अगर समय रहते हम सचेत न हुए तो हमारी किडनी की कार्यप्रणाली क्षतिग्रस्त हो सकती है, किडनी फेल भी हो सकती है। समस्याओं से बचा जा सकता है जिसमें जान जाने का भी खतरा होता है।

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