नई दिल्ली। देश के 25वें वित्त मंत्री अरुण जेटली आज देश का 88वां बजट पेश करने वाले हैं। बजट पेश करने के लिए अरुण जेटली 9 बजे अपनी टीम के साथ राष्टपति भवन भी पहुँच चुके हैं। 10.15 बजे कैबिनेट बजट पेश करने के लिए औपचारिक अनुमति देगी। 11 बजे अरुण जेटली बजट भाषण देना शुरू करेंगे।
ऐसे में आज आम जनता से लेकर विपक्षी दल सभी की निगाहें मोदी सरकार के आखिरी पूर्णकालिक बजट पर टिकी हुई है। मोदी सरकार अपने वादों को कितना पूरा कर पाते हैं या फिर जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतर पातें हैं ये तो वक़्त बताएगा लेकिन इससे पहले ये जानना बहुत जरुरी है कि आखिर ऐसे कौन से वो 3 सेक्टर्स है, जिनपर मोदी सरकार का ये बजट सबसे ज्यादा असर डालेगा।
नौकरियां बढ़ने का युवाओं को है इंतज़ार-
2014 में सत्ता में आने पर मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन अभी तक बहुत सफलता नहीं मिली है। युवाओं को उम्मीद है कि बजट में कुछ ऐसा हो, जिससे ज्यादा जॉब मिलें, जिससे बेरोजगारी घटे और रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकें।
किसानों को चाहिए ये लाभ-
आगामी चुनावों में किसानों की नाराजगी भारी पड़ने की आशंका है, ऐसे में खेती की लागत कम करके या किसानों की इनकम बढ़ाने की ठोस योजना के रूप में राहत की उम्मीद है। लेकिन चुनौती यह है कि वह किसानों को सीधे पैसा दे या कर्ज माफ करे। सरकार उपज का ज्यादा दाम देकर उनकी इनकम बढ़ा सकती है लेकिन बिचौलियों को खत्म करने के लिए सिस्टम बदलना होगा।
टैक्स में छूट बढ़ने की आशंका-
सैलरीड क्लास टैक्स छूट में राहत की उम्मीदें पाले है लेकिन मौजूदा टैक्स छूट लिमिट (2.5 लाख) को बढ़ाकर 3 लाख करने पर सरकार को 28 हजार करोड़ रुपये की चपत लगेगी। सरकार को टैक्स छूट देते समय वित्तीय घाटे यानी आमदनी और खर्चे के बीच अंतर का भी ध्यान रखना होगा। टैक्स छूट ज्यादा दी तो वित्तीय घाटे को जीडीपी का 3% रखना काफी मुश्किल होगा।
बिजनेस शुरू करने को बैंक आसान कर्ज दें। लेकिन सरकार को इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना होगा। ऐसे कदम उठाने होंगे कि कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तेजी आए। इतना निवेश, संसाधन जुटाना चुनौती है।
बजट 2018 पर सबकी टिकी निगाहें-
मोदी सरकार के इस आखिरी पूर्णकालिक बजट में वित्त मंत्री लोकलुभावन योजनाओं का ऐलान कर 2019 के आम चुनावों पर निशाना साधेंगे, तो इकॉनमी अपने ट्रैक से भटकने न पाए इसका संतुलन भी दिखाना होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली जब 11 बजे बजट भाषण शुरू करेंगे तो सबकी नजर इस बात पर होगी कि वह कैसे चुनौतियों और उम्मीदों के बीच सामंजस्य बिठा पाते हैं।